करसोग: उपमंडल करसोग के सराहन गांव में सैकड़ों परिवार जलशक्ति विभाग की लापरवाही के कारण पानी को तरसे हैं. यहां पिछले 20 दिनों से 150 से अधिक परिवार भारी पेयजल किल्लत की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में लोगों में जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर भारी रोष है.
बताया जा रहा है कि इन दिनों सराहन से गवालपुर तक सड़क की कटिंग का कार्य चल रहा है. ऐसे में कटिंग के निकले मलवे की नागानाला के समीप जंगल में अवैध डंपिंग की जा रही है. इससे नागानाला से होकर सराहन के लिए जाने वाली पानी की मैन लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. यही नहीं अवैध डंपिंग की वजह से नागानाला में देवदार सहित कई हरेभरे पेड़ों को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
हैरानी की बात है कि पिछले कई दिनों से हो रही अवैध डंपिंग से वन विभाग और जलशक्ति विभाग दोनों बेखबर है. अवैध डंपिंग के जुर्म में न तो वन विभाग ने पीडब्ल्यूडी विभाग के खिलाफ कोई कार्रवाई की है और न ही मैन पेयजल लाइन तोड़ने पर जलशक्ति विभाग ने कोई एक्शन लिया है.
वहीं बिना अनुमति के मैन लाइन को क्षति पहुंचाने के जुर्म में जलशक्ति विभाग ने पीडब्ल्यूडी को नोटिस तक देना भी जरूरी नहीं समझा. इस लापरवाही का खामियाजा अब सराहन सहित कई गांव की जनता को प्यासा रहकर भुगतना पड़ रहा हैं.
अवैध डंपिंग की वजह से पेयजल लाइन हुई क्षतिग्रस्त
स्थानीय लोगों को इस बात की जानकारी उस वक्त लगी जब गांव के लोग अपना जरूरी कार्य छोड़कर पानी की लाइन देखने स्पॉट पर पहुंचे तो पाया गया कि अवैध डंपिंग की वजह से पेयजल लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसकी जानकारी लोगों ने फोन के माध्यम से जलशक्ति विभाग सहित पीडब्ल्यूडी, वन विभाग और ठेकेदार को भी दी, लेकिन लोगों का कहना है कि अभी तक इस मामले पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं हुई है.