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यहां बारिश की कामना के लिए शुरू किया गया पूजा-पाठ, झमाझम बरसने लगते हैं मेघ! - हिमाचल में मानसून

दैविक प्रकोप मानकर करसोग की कई पंचायतों के लोगों ने शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए अशनी मंदिर में तीन दिन का पाठ शुरू कर दिया है. दरअसल लोगों का मानना है कि दैवता के नाखुश होने से बारिश नहीं हो रही है.

बारिश की कामना के लिए शुरू किया गया पूजा-पाठ

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Published : Jun 24, 2019, 6:31 AM IST

मंडीः पूरे प्रदेश में इस वक्त सूर्य देव अंगारे बरसा रहे हैं. भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए हर कोई बस आसमान की ओर टकटकी लगाए मानसून के पहुंचने की बाट देख रहा है. इसी कड़ी में दैविक प्रकोप मानकर करसोग की कई पंचायतों के लोगों ने शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए अशनी मंदिर में तीन दिन का पाठ शुरू कर दिया है. दरअसल लोगों का मानना है कि दैवता के नाखुश होने से बारिश नहीं हो रही है.

बारिश की कामना के लिए शुरू किया गया पूजा-पाठ

लगातार पड़ रही गर्मी से करसोग के कई पानी के स्त्रोत सूखने लगे हैं, ऐसे में खेतों में सिचाई के लिए पानी उपलब्ध होना तो दूर लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. लंबे समय से बारिश न होने को दैविक प्रकोप मानकर करसोग की कई पंचायतों के लोगों ने शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए अशनी मंदिर में तीन दिन का पाठ शुरू कर दिया है.

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पंडित मंत्रोचारण के साथ महादेव की स्तुति कर रहे हैं. सोमवार को मंदिर यज्ञ में आहुति डालने के बाद लोग लंबी कतारों में लग कर साथ बहने वाली खड्ड के पानी से शिव मंदिर में जलहरी को भरेंगे. ऐसी मान्यता है कि जलहरी के भरते ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और क्षेत्र में तुरंत प्रभाव से मेघ झमाझम बरस कर अपना आशीर्वाद देते हैं. अब से पहले भी कई बार बारिश न होने पर लोग अशनी मंदिर में शिव आराधना कर चुके हैं. जिसके बाद हर बार क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है.

पुराण के जानकार तिलक राम शर्मा का कहना है कि जब कभी भी क्षेत्र में बारिश नहीं होती है तो यहां लोग एकत्रित होते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. इसके बाद शिव कृपा से तत्काल बारिश जो जाती है. उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदा आती है, यहां यज्ञ होता है. सोमवार को भी यहां हवन होगा. यहां भगवान शिव का शिवलिंग विद्दयमान है. जिसे जल से भरा जाएगा, जिसके भरते ही बारिश होती है.

जुलाई में दस्तक देगा मानसून:
मौसम विभाग की मानें तो इस बार मानसून सामान्य से करीब 10 दिन की देरी से जुलाई के पहले सप्ताह में हिमाचल में दस्तक देगा. इससे दो दिन पूर्व ही प्रदेश में प्री-मानसून की बौछारें पड़ेगी. इस बार लंबे सूखे के कारण किसानों में हाहाकार मच हुआ है. पहले 1 मार्च से 31 मई को प्री-मानसून सीजन की अवधि में प्रदेश भर में बादल सामान्य से 45 फीसदी कम बरसे और अब 1 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में भी अब तक सामान्य से 39 फीसदी कम बारिश हुई है. जिसका सीधा असर खेती पर पड़ा है.

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