करसोग: सिविल अस्पताल करसोग में विशेषज्ञों डॉक्टरों की कमी पर लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदेश में भाजपा की सरकार को साढ़े तीन साल का समय हो गया है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के गृह जिला के सिविल अस्पताल में ही विशषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं.
हैरानी की बात है कि आठ महीने पहले यहां सर्जन ने ज्वाइन किया था उसका भी तबादला कर दिया है. ऐसे में नाराज जनता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यहां विशेषज्ञों डॉक्टरों की कमी को लेकर सोमवार को लोगों ने अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन किया. जिसमें लोगों ने विशेषज्ञों डॉक्टरों के खाली पदों को भरने और हाल ही में जारी सर्जन के तबादला आदेशों को रद्द करने की मांग की.
विशेषज्ञ डॉक्टर भेजने की मांग
इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. इस धरना प्रदर्शन में महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया. लोगों ने तुरन्त प्रभाव से विशेषज्ञ डॉक्टर भेजने की मांग की. इस दौरान लोगों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा. जिसमें सिविल अस्पताल में एनेस्थीसिया सहित बाल रोग, महिला रोग, चर्म रोग व मेडीसन आदि विशेषज्ञ डॉक्टरों को भेजने की मांग की है, ताकि करसोग के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली गरीब जनता को इलाज के लिए शिमला या मंडी न जाना पड़े.
इसके अतिरिक्त लोगों ने मिनी सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू न होने, केंद्रीय विद्यालय न खोलने, बाईबास न बनाए जाने, पॉलिटेक्निक कॉलेज न खोलने व आईटीआई में ट्रेड न बढ़ाए जाने पर भी सरकार को घेरा.