सिराज/मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज एक दिवसीय दौरे पर मंडी पहुंचे. इस दौरान बालीचौकी में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग व उपकोषागार कार्यलय के सयुंक्त भवन के अलावा पीएचसी के भवन का लोकार्पण किया. वहीं, मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में कोई घोषणाएं न होने से लोग मायूस नजर आए.
लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का यह सिराज हल्के के बालीचौकी में लगातार तीसरा दौरा है. लोगों को उम्मीद थी कि एकाएक बने इस सरकारी कार्यक्रम के चलते क्षेत्र के विकास को लेकर कोई महत्वपूर्ण घोषणा होगी, लेकिन अपने संक्षिप्त सार्वजनिक संबोधन में मुख्यमंत्री ने न केवल सोशल मीडिया में क्षेत्र की मांगों को लेकर लिखने वालों को कुंठाग्रस्त बताया बल्कि कहा कि हर दौरे पर घोषणाओं की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
इस दौरान सबसे दिलचस्प बात यह भी रही कि पहली बार जनता के सामने सिराज भाजपा मंडल अध्यक्ष तक को बोलने का समय नहीं दिया गया. बालीचौकी में मुख्यमंत्री के इस प्रवास के दौरान स्थानीय लोग बालीचौकी में उपमंडल कार्यालय के अलावा बालीचौकी में पुलिस थाना, थाची व गाड़ागुसेनी में पुलिस चौकी की घोषणा की भी उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने लोगों को निराश ही किया.
वहीं, बालीचौकी में घोषणाओं से गुरेज करने पर लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है. लोगों का कहना था कि इससे पूर्व 2 अन्य जनसभाओं में भी मुख्यमंत्री घोषणाओं को लेकर आनाकानी ही करते रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां मुख्यमंत्री ने थुनाग व बगस्याड़ में कई प्रदेश स्तर के संस्थान खुलवाएं हैं. वहीं, इस क्षेत्र में रेशम उद्योग नवोन्मेष केंद्र को छोड़कर कोई भी बड़ा संस्थान नहीं खुल पाया है. जबकि बालीचौकी में बड़े संस्थान खुलने से सराज के साथ साथ बंजार व द्रंग की जनता भी लाभाविन्त होगी.
बालीचौकी क्षेत्र के विकास को लेकर बरते जा रहे इस राजनीतिक रवैये को लेकर जहां लोगों में नाराजगी है, वहीं आने वाले मंडी लोकसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है. वर्तमान में थाची के लोग भी कॉलेज भवन निर्माण को लेकर सरकार से नाराज चल रहे हैं. वहीं गाड़ागुसेनी में भी हालात ज्यादा ठीक नहीं हैं. इस इलाके के लोग कई सालों से आईटीआई की मांग कर रहे हैं.
अब जबकि सरकार का कार्यकाल घटता जा रहा है. वहीं, लंबित पड़ी विकासात्मक मांगों का बोझ भी लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आने वाला समय न केवल भाजपा सरकार बल्कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए भी चुनौतियों भरा हो सकता है.
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