करसोग: जिला मंडी के करसोग विकासखंड में सरकार का ग्राम सभा में वन फोर्थ कोरम का फॉर्मूला भी किसी काम नहीं आ रहा है. इसका उदाहरण मैहरन पंचायत में देखने को मिला. पिछले 7 महीनों से एक बार भी इस पंचायत में कोरम पूरा नहीं हुआ है.
बुधवार को भी 340 परिवारों वाली मैहरन पंचायत में ग्राम सभा की बैठक का वन फोर्थ के फॉर्मूले के मुताबिक कोरम पूरा होने के लिए 85 सदस्य की जरूरत थी, लेकिन 11 बजे शुरू हुई इस ग्राम सभा की बैठक में कुल 42 सदस्य ही उपस्थित हुए. इस कारण दोपहर 2 बजे ग्राम सभा की बैठक को कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित करना पड़ा. बता दें कि मैहरन पंचायत में पिछली बार 17 फरवरी 2019 को कोरम पूरा हुआ था.
20 फीसदी पंचायतों में ही पूरा होता है कोरम: रिपोर्ट
बीडीओ ऑफिस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक करसोग खंड में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में मुश्किल से 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है. इसके अलावा हर बार कहीं न कहीं 80 फीसदी पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हो रहा है. इसका सीधा असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है. कोरम पूरा न होने से कई पंचायतों में अभी तक बीपीएल परिवारों की समीक्षा भी नहीं हो सकी है. इस कारण ऐसी पंचायतों में अपात्र लोगों के नाम बीपीएल सूची से नहीं हटाए गए हैं. इन पंचायतों में कई पात्र लोगों ने बीपीएल सूची में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया है. बता दें कि करसोग विकासखंड में कुल 54 पंचायतें हैं.