करसोग: हिमाचल में कोरोना के मामले (Corona cases in himachal) थमने के बाद सरकार ने बंदिशों की लगाम भले की ढीली कर दी हो, लेकिन इसके बाद भी करसोग में कई लोकलों रूटों पर रविवार को एचआरटीसी की बसें नहीं दौड़ रही हैं. जिस कारण लोगों को घर से बाहर जरूरी कार्य निपटाने के लिए टैक्सियों का सहारा (bus service on local routes in Karsog) लेना पड़ रहा है. इससे जेब ढीली होने साथ जनता की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं.
करसोग मुख्यालय में स्थित विभागों में कार्य कर रहे बहुत से कर्मचारी शनिवार को घर जाते हैं. ऐसे में कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुंच सकें, इसके इसके लिए कर्मचारियों को रविवार को टैक्सी करके मुख्यालय पहुंचना पड़ता है. इसके अलावा आपात स्थिति में भी अस्पताल जाने के लिए लोगों को हजारों रुपए टैक्सी का भाड़ा चुकाना पड़ रहा है. इसको देखते हुए जनता ने करसोग के बंद पड़े सभी लोकल रूटों पर रविवार को बसें चलाने की मांग की है. ताकि आम जनता की जेब पर बोझ न पड़े.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने पर सरकार ने मार्च 2020 में पहली बार लॉकडाउन लगाया था, जिसके बाद कई दिनों तक प्रदेश भर में बस सेवा बंद रही. इसके बाद कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में भी सरकार ने कोविड-19 को रोकने के लिए कई बंदिशें लगाई थीं, लेकिन संक्रमण के मामलों कमी के बाद से हर बार पाबंदियों में नरमी बरती जा रही है. इतना होने पर भी एचआरटीसी ने रविवार को लोकल रूटों बसें चलाने का निर्णय नहीं लिया है. ऐसे में अब जनता के सब्र का बांध टूटने लगा है. करसोग की जनता ने अब सभी रूटों पर पहले की तरह बस सेवा शुरू करने की मांग की है.
करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक (Regional Manager of Karsog Depot) सुभाष रंहोत्रा का कहना है कि रविवार को सवारियां कम होती हैं, इस कारण कम सवारियों वाले लोकल रूटों पर बसें नहीं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि डिपो में कई पुरानी बसें हैं. इनकी भी मरम्मत करनी पड़ रही है. इसके अलावा मेकेनिकल स्टाफ की भी कमी चल रही है, जिससे समय पर बसों की रिपेयर करने में दिक्कतें आ रही हैं.
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