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कोरोना संकट: अपने इलाकों के रक्षक बने पंचायत जनप्रतिनिधि, सीमाओं पर कर रहे पुलिस का सहयोग - उपमंडल करसोग

वैश्विक महामारी कोरोना से देश और दुनिया पर छाए गंभीर संकट से छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल भी अछूता नहीं है. प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के 40 मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में रेड और ऑरेंज जिलों से चोरी छुपे लोग ग्रीन जिलों की सीमाओं में न घुस सकें, इसके लिए पंचायत प्रतिनिधी भी अपने इलाकों में पहरा दे रहे हैं.

panchayat representatives helping police
सीमाओं पर पुलिस का सहयोग करते जनप्रतिनिधी.

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Published : Apr 27, 2020, 4:03 PM IST

मंडी: उपमंडल करसोग में शिमला और मंडी जिलों की सीमाओं के बीच बहने वाली सतलुज नदी पर बने पुल से लोगों की दूसरे जिलों से प्रवेश पर कड़ी नजर रखी जा रही है. प्रशासन ने मंडी जिला की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है. यहां तत्तापानी और सुन्नी पुल पर थली गांव में आसपास की पंचायतों के जनप्रतिनिधि भी आने-जाने वाले लोगों पर नजर रख रहे हैं, ताकि पंचायतों में कोई भी व्यक्ति प्रवेश न कर सकें.

हालांकि इन दोनों जिलों की सीमाओं पर पुलिस के जवानों सहित पंचायत सचिव, पटवारी व अध्यापक भी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अजनबी लोगों का अब चोरी-छुपे करसोग की सीमा के अंदर घुसना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में पंचायत जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी पंचायतों में लोगों के संकटमोचन बन गए हैं. गौरतलब है कि प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील दी है, ऐसे में उपमंडल के तहत जिला शिमला की सीमाओं के साथ गांव के लोगों का खरीददारी करने के लिए सुन्नी आना-जाना लगा रहता है.

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जिला शिमला में पड़ने वाले सुन्नी में सिविल हॉस्पिटल भी है. इसके चलते करसोग उपमंडल के तहत शिमला जिला के साथ लगते गांव, थली, दगांवों, शाकरा, नांदो, तत्तापानी, सबोट, रंडोल, साहज, संविधार, बिंदला, मुंगणा व ठोगी आदि से लोग स्वास्थ्य जांच के लिए सुन्नी स्थित सिविल हॉस्पिटल आते जाते रहते हैं. इसके अलावा सुन्नी में बहुत बड़ा बाजार भी है, इसलिए भी लोगों का यहां बाजार में खरीददारी के लिए आना-जाना होता है. इस आढ़ में कहीं अजनबी चोरी छुपे करसोग उपमंडल की सीमाओं के अंदर प्रवेश न करे इसके लिए जनप्रतिनिधि लोगों को पहचानने में प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं.

शाकरा पंचायत के प्रधान बिहारी लाल शर्मा का कहना है कि उपमंडल करसोग के थली, शाकरा व बिंदला पंचायतें जिला शिमला की सीमाओं के साथ लगती है, इसलिए इन पंचायतों के लोगों का अधिकतर आना-जाना जिला शिमला के तहत सुन्नी बाजार और सिविल हॉस्पिटल के लिए रहता है. ऐसे में कोई भी इन लोगों के साथ पंचायतों में प्रवेश न करें, इसलिए थली पुल में तैनात प्रशासन के कर्मचारियों का सहयोग कर रहे हैं.

वहीं, थली पंचायत की प्रधान मीरा शर्मा का कहना है कि हम जिला शिमला और मंडी की सीमा पर तैनात पटवारी, पंचायत सचिव, पुलिस, होमगार्ड व अध्यापकों का सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाहर से आए इन कर्मचारियों को लोकल लोगों की पहचान नहीं है. इसलिए कई पंचायतों के जनप्रतिनिधि लोगों की पहचान करने में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं.

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