सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रोफेसर एचके चौधरी के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने किसान से लेकर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बनने तक के सफर पर बात की. डॉ. एचके चौधरी ने किसानों के लिए कई अहम मुद्दों पर जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि किसान हमारे लिए सर्वप्रथम है.
किसान से कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बनने का सफर
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रोफेसर एचके चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के बाद उन्होंने हर कृषक का सही विकास हो, के नारे के साथ शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान करने के लिए है और वही अनुसंधान किसान के खेत तक ले जाने के लिए है. उन्होंने कहा कि उनके वैज्ञानिकों को अनुसंधान करने के लिए एक चैलेंज दिया जाता है उसी पर खरा उतर कर वैज्ञानिक खेतों तक पहुंचते हैं.
कई कल्याणकारी योजनाओं पर किया जा रहा काम
एसके चौधरी ने बताया कि सरकार और कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं पर कार्य किए जा रहे हैं जिसका किसानों और बागवानों को लाभ लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय मात्र पालमपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश के कोने-कोने में कृषि विश्वविद्यालय की योजनाएं पहुंचे उसके लिए कार्य किया जाता है. प्रदेश में 12 अनुसंधान केंद्र और 8 कृषि विज्ञान केंद्र है कृषि को लेकर जो आगाज कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में किया जाता है. वहीं, कार्य सभी अनुसंधान और सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में भी किया जाता है. किसानों के लिए कृषि के क्षेत्र में किस तरह से बदलाव लाया जाए.
इसके लिए आने वाला समय बहुत ही निर्णायक होने वाला है. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ी लेकिन उन्होंने फोन और अन्य कई माध्यम से किसानों तक सभी जानकारियां पहुंचाई. एसके चौधरी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान सभी क्षेत्रो में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन कृषि के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गिरावट दर्ज नहीं हुई. इसका श्रेय कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञान केंद्रों, अनुसंधान केंद्रों, प्रदेश सरकार के प्रयासों और किसान की मेहनत को दिया गया है. चौधरी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान किसानों ने अपनी आजीविका चलाने के लिए कृषि के क्षेत्र में बहुत मेहनत की है.