करसोग: दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री से सम्मानित होने के बाद हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में करसोग के अंतर्गत नाज गांव के नेकराम शर्मा तहसील मुख्यालय पहुंचे. करसोग पहुंचने पर नेकराम का लोगों ने ढोल-नगाड़ों संग जोरदार स्वागत किया. यहां स्थानीय जनता ने ढोल नगाड़ों के साथ नेकराम शर्मा का अभिनंदन किया गया. नेकराम शर्मा पिछले करीब 20 सालों से प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नौ मिलेट्स की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रहे हैं. जिसके लिए नेकराम शर्मा को पद्मश्री सम्मान दिया गया.
देश भर में रोशन हुआ मंडी का नाम: कृषि के क्षेत्र में नेकराम शर्मा को पद्मश्री सम्मान मिलने से देशभर में हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ मंडी का नाम रोशन हुआ है. नेक राम शर्मा को 6 अप्रैल को देश के राष्ट्रपति द्वारा प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में देश के चौथे पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. करसोग पहुंचने पर नेकराम शर्मा के सम्मान में पुराना बाजार स्थित रामलीला मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया. नेकराम शर्मा ने मंच पर से संबोधन करते वक्त मोटे अनाजों के सेवन से स्वास्थ्य पर होने वाले फायदों के बारे में भी जानकारी दी.
वर्ष 1992 से जुड़े हैं प्राकृतिक खेती से: नाज गांव के साधारण परिवार में जन्मे नेकराम शर्मा वर्ष 1992 से प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं. इससे पहले नेकराम शर्मा रासायनिक खेती करते थे, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए नेकराम शर्मा ने जहर वाली खेती को छोड़कर करीब 20 साल पहले प्राकृतिक खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंने सोलन में स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के प्रोफेसर डॉ जेपी उपाध्याय से ट्रेनिंग के दौरान प्राकृतिक खेती के टिप्स लिए. इसके अलावा उन्होंने बेंगलुरु में स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय धारवाड़ से भी प्राकृतिक खेती की तकनीक के गुर सिखे.