करसोगःओवरलोडिंग पर जारी सरकारी फरमान बसों की भारी कमी के कारण लोगों पर ही भारी पड़ने लगा है. कुल्लू में हुए सड़क हादसे के बाद नींद से जागी सरकार ने आनन-फानन में ओवरलोडिंग न करने के आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन पहले ही बसों की भारी कमी की समस्या से जूझ रहे लोग अब कैसे सफर करेंगे, ये चितां का विषय है.
करसोग की बात करें तो यहां करीब 1.25 लाख की आबादी के लिए सरकार के पास मात्र 70 के करीब बसें हैं. इसमें निजी बसों की संख्या भी शामिल है. इस तरह से करसोग खंड में सरकार में पास 1750 की आबादी पर औसतन एक बस है.
ऐसे में बसों में पहले सीट प्राप्त करने के लिए लोगों के बीच में अफरा-तफरी मच रही है. यही नहीं, बस स्टैंड में ही पूरी सीटें भरने के बाद चालक रास्ते में बसों के इंतजार में खड़ी सवारियों को भी नहीं बिठा रहे हैं. इससे लंबे रुट की सवारियों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जिससे लोगों के बीच सरकार के प्रति भी रोष बढ़ रहा है. कई स्टेशनों पर जब बस सवारियों को उतारने के लिए खड़ी की जा रही है तो लोग जबरन बसों में घुस रहे हैं, जिन्हें रोकने पर चालको और सवारियों के बीच बढ़ रही झड़पों की सूचना भी सामने आ रही है.
यही नहीं, पीछे से ही सवारियां पूरी होने से बसों को रास्ते में खड़े स्कूली छात्रों के लिए भी नहीं रोका जा रहा है. जिस कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने में देरी ही रही है. ऐसे में अब सरकार के आदेश सभी पर भारी पड़ने लगे हैं. लोगों का कहना है कि अगर ओवरलोडिंग की समस्या को खत्म करना है तो इसके लिए पहले करसोग डिपो में बसों की संख्या को बढ़ाना होगा. तभी सरकार के आदेश सही मायने में लागू हो सकते हैं.