हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

रामपुर में पत्नी के साथ ससुराल में रह रहा बेटा, दुख की घड़ी में प्रशासन बना बुजुर्ग महिला का सहारा - Son leaves mother

करसोग में बेटे ने 72 वर्षीय बूढ़ी मां को बेसहारा छोड़कर दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर दिया है. करसोग के ममेल की रहने वाली वृद्ध महिला देवली देवी बेटे और बहू की बेरुखी के कारण दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है.

old woman abandoned in mamel
देवली देवी

By

Published : Jan 29, 2020, 4:18 PM IST

करसोग: जिला मंडी के करसोग में बेटे ने 72 वर्षीय बूढ़ी मां को बेसहारा छोड़कर दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर दिया है. करसोग के ममेल की रहने वाली वृद्ध महिला देवली देवी बेटे और बहू की बेरुखी के कारण दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है. बता दें कि देवली देवी का बेटा पहले ही बूढ़ी मां को अकेला छोड़ पत्नी के साथ रामपुर में ससुराल में रह रहा है.

ऐसे में देवली देवी के लिए करसोग प्रशासन और पुलिस मसीहा बनकर सामने आई है, जिसने महिला को वृद्ध आश्रम बसंतपुर भेजे जाने की औपचारिकताएं पूरी न होने तक रोटी समेत रहने का सहारा दिया है. एसडीएम करसोग खुद मामले को की सभी जरूरी कार्रवाई पूरी कर रहे हैं.

देवली देवी

देवली देवी के जख्म बहुत पुराने हैं. करीब 2 साल पहले पति का साया छीन गया, लेकिन बेटे के भविष्य को देखते हुए पति के इस दुनिया से चले जाने की असहनीय पीड़ा को भी देवली देवी ने दिल के अंदर ही छुपा दिया. वहीं, अब देवली देवी का बूढ़ा शरीर अब जवाब देने लगा है, बुजुर्ग महिला दो वक्त की रोटी बनाने के लिए भी मजबूर है. बढ़ती उम्र के साथ शरीर को भी कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है. ऐसे में आखिरी वक्त में जीने के लिए मजबूर देवली देवी लड़खड़ाते कदमों के साथ करसोग के सिविल अस्तपाल पहुंची, लेकिन यहां भी कोई देखरेख करने वाला नहीं मिला. इस पर बुजुर्ग महिला के बारे में पुलिस को सूचित किया गया.

वीडियो

पुलिस ने वृद्ध महिला को एसडीएम कार्यालय पहुंचाया और यहां महिला ने अपना दर्द बताया. बहरहाल, बुजुर्ग महिला के रहने के लिए वृद्ध आश्रम बसन्तपुर में व्यवस्था न होने तक देवली देवी को इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया है. साथ ही महिला की देखरेख के लिए एक पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है. इसके साथ प्रशासन ने देवली देवी के लिए भी अपनी तरफ से खाने पीने की व्यवस्था की है. ऐसे में प्रशासन के इस कदम की सभी सराहना कर रहे हैं, जो बुरे वक्त में वृद्ध महिला का सहारा बना है.


देवली देवी ने कहा कि काश उनकी कोई बेटी होती तो वह बुढ़ापे में ठोकरें खाने के लिए मजबूर न होती. बुढ़ापे के इस कठिन समय अपनी बेटी के साथ ही रहती. उन्होंने कहा कि बेटा है, लेकिन वह मुझे अपना समझता ही नहीं है. अब वे बसन्तपुर वृद्ध आश्रम जाना चाहती है, जहां रोटी खाने को मिल जाये. उन्होंने कहा कि बेटा अपने परिवार के साथ है और अब अवस्था में खाने बनाने में भी मुश्किल होती है. वहीं, मां की ममता ने पुलिस को लिखाये गए बयान में बेटे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से भी इंकार कर दिया.

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने ममेल की रहने वाली वृद्ध महिला देवली देवी का मामला ध्यान में लाया है. इस महिला का कोई भी वारिस यहां नहीं रहता है. महिला के पति की मृत्यु हो चुकी है और इसका कोई भी सहारा नहीं है. उन्होंने कहा कि महिला की इच्छा है कि इसे वृद्ध आश्रम बसंतपुर भेजा जाए. इस बारे में अब सरकार के नियमों के तहत अगली कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि समाज के लिए ये बहुत ही शर्मिंदगी की बात है कि कोई व्यक्ति अपनी वृद्ध मां को इस तरह बेसहारा छोड़ रहा है. महिला को संरक्षण देने के लिए सही जगह पहुंचाने का प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है.

ये भी पढ़ें: जंजैहली के सेब बाहुल्य इलाकों में लहलाएगी हींग की खेती, ट्रायल शुरू

ABOUT THE AUTHOR

...view details