मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के सामने परेशानी है कि लोग कोरोना सैंपल करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, लेकिन सैंपलिंग से बच रहे लोगों के खिलाफ अब मंडी जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.
इस बारे में जिला प्रशासन ने रविवार को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 34 के तहत अधिसूचना जारी करते हुए सैंपलिंग न करवाने पर अब मामला दर्ज करने के साथ जेल जाने तक का सख्त प्रावधान कर दिया गया है.
उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर द्वारा सैंपलिंग को लेकर इस प्रकार की नोटिफिकेशन प्रदेश में पहली मर्तबा जारी हुई है. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टेस्टिंग करने को लेकर किसी व्यक्ति द्वारा मना करने पर एफआईआर, भारी भरकम जुर्माना या जेल भी हो सकती है.
सैंपलिंग देना अनिवार्य
डीसी मंडी के द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर जिला मंडी में कोरोना संक्रमित मरीज के प्राईमरी कांटेक्ट और संक्रमण के प्रति अत्याधिक संवेदनशील व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार सैंपलिंग देना अनिवार्य कर दिया गया है.
अधिसूचना के अनुसार अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग और हिम सुरक्षा अभियान के तहत फ्लू के लक्षण पाए जाने वाले मरीजों के लिए सेंपलिंग अनिवार्य कर दी गई है. वहीं, जारी अधिसूचना के आधार पर अब रेंडम सैपलिंग और स्पेशल सैपलिंग कैंपेन में लक्षण व लक्षण रहित व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देशानुसार सहयोग करते हुए सैंपल देना अनिवार्य कर दिया गया है.
सख्त कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर के द्वारा उपरोक्त किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के अंतर्गत आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और हिमाचल प्रदेश पुलिस एक्ट की धारा 111, 114 और 115 के अंतर्गत सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.