मंडी:हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सुक्खू की सुख वाली सरकार में करसोग की हालत खस्ता है. दरअसल, यहां करीब सवा लाख की आबादी को अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा नहीं है. रोजाना 400 की ओपीडी वाले सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के 9 पद खाली चल रहे हैं. बतो दें, पिछली जयराम सरकार के समय से ही स्थानीय जनता डॉक्टरों के खाली पदों को भरने की मांग कर रही है. लेकिन उनके मांग कांग्रेस सरकार बनने के बाद भी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में सरकार के व्यवस्था परिवर्तन के दावे की पोल लोगों के बीच खुल रही है.
रोजाना 400 आते हैं मरीज:करसोग सिविल अस्पताल के अंतर्गत करीब सवा लाख की आबादी निर्भर है. यहां डॉक्टरों की कमी के बावजूद भी रोजाना करीब 400 मरीज आते हैं.करसोग विधानसभा क्षेत्र के साथ पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र से भी लोग इलाज करवाने सिविल अस्पताल में आते हैं, लेकिन इसके बाद भी सरकार डॉक्टरों के खाली पदों को भरने के लिए गंभीर नहीं है. सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 15 पद सृजित है, जिसमें 9 पद खाली चल रहे हैं. इस तरह से सवा लाख की आबादी केवल 6 डॉक्टरों के सहारे हैं.
2 महीने से रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली:करसोग सिविल अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद भी दो महीने से खाली चल रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं सहित अन्य मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में 1 हजार रुपए देकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है. सिविल अस्पताल में रोजाना करीब 20 से 25 मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है. वहीं नागरिक चिकित्सालय के तहत 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी हैं. जिनमें 6 स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के पद खाली चल रहे है.
'डॉक्टरों के खाली पदों का विषय सरकार के ध्यान में लाया गया है. इसके अतिरिक्त उच्चाधिकारियों को भी हर महीने रिपोर्ट भेजी जा रही हैं.':- डॉ. नरेंद्र कुमार, सीएमओ मंडी
सवा लाख की आबादी इलाज के लिए शिमला और मंडी पर निर्भर:करसोग में डॉक्टरों की कमी की वजह से गरीब जनता शिमला सहित मंडी स्थित जोनल अस्पताल में इलाज कराने के लिए निर्भर है. बता दें, करसोग से शिमला की दूरी करीब 100 किलोमीटर है. वहीं, मंडी की दूरी करीब 110 किलोमीटर है. जिसके कारण लोग महंगा इलाज कराने के लिए मजबूर है. शिमला और मंडी जाने में लोगों का काफी पैसा किराया चुकाने में बर्बाद हो रहा है. इसके अतिरिक्त इन महंगे शहरों में ठहरने का खर्च अलग से है. ऐसे में गरीब जनता इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है.
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