करसोगः केंद्र की मोदी सरकार देश में 100 फीसदी विद्युतीकरण का दावा करती है, लेकिन मंडी जिला के तहत करसोग विधानसभा क्षेत्र में मगान पोलिंग स्टेशन में अभी भी अंधेरा है. इस पोलिंग स्टेशन में न तो बिजली का मीटर लगा है और न ही पीने के पानी का कनेक्शन है. यही नहीं मगान में प्राइमरी स्कूल के इस पोलिंग स्टेशन में पोलिंग पार्टियों सहित मतदाताओं के लिए शौचालय तक की भी व्यवस्था नहीं है.
मगान पोलिंग स्टेशन की दयनीय हालत वैसे तो हिमाचल को बिजली का राज्य कहा जाता है, लेकिन मगान पोलिंग स्टेशन पहुंचने पर खुद व खुद व्यवस्था की पोल खुल जाती है. स्थानीय जनता ने पिछले साल माहूंनाग में 1 जुलाई को आयोजित जनमंच कार्यक्रम में भी पोलिंग स्टेशन में पानी के कनेक्शन देने के मामले को उठाया था. एक साल बीतने को है, लेकिन सरकार की ओर से इस बारे में अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. यही नहीं शौचालय की सुविधा न होने से सरकार के स्वच्छ भारत कार्यक्रम पर भी ग्रहण लग रहा है.
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8 किलोमीटर पैदल चल कर आते है मतदान करने
करसोग के दूरदराज क्षेत्र में स्थित मगान मतदान केंद्र में कुल 91 वोटर हैं. यहां जकलीन, दड, रोपड़ी व गरगल जैसे क्षेत्रों से 8 किलोमीटर का सफर तय करके मतदान करने आते हैं. सतलुज नदी के साथ इस पोलिंग स्टेशन तक पहुंचने का पैदल मार्ग बहुत ही खराब है. ये रास्ता बहुत ही तंग और पथरीला है. यही नहीं मई और जून के महीने में मगान का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर जाता है. ऐसे में पोलिंग स्टेशन में पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था न होने से मतदाताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
15 मतदाताओं की आयु 60 से ऊपर
मगान पोलिंग स्टेशन में 15 मतदाताओं की आयु 60 साल से ऊपर है. ऐसे में इन लोगों को मतदान केंद्र पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. भवन में पोलिंग स्टेशन बनाया गया है वो अब जर्जर हालत में है. भवन की छत्त से जगह-जगह पर प्लास्टर उखड़ कर गिर रहा है. कॉलम में दरारें पड़ गई हैं, दरवाजे और खिड़की टूट गए हैं. यहां कमरें में कुछ टूटी हुई कुर्सियां और तो टूटे हुए टेबल हैं, ऐसे में भवन में कमरे बैठने लायक नहीं है. मतदान के दिन यहां लोगों के घरों से कुर्सियां और टेबल लाने पड़ते हैं.
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कई बार अधिकारी कर चुके हैं दौरा
मगान के प्राइमरी स्कूल के भवन में पिछले 3 दशकों से पोलिंग स्टेशन बनाया जा रहा है. हालांकि अब स्कूल बंद हो गया है, लेकिन लोकसभा सहित विधानसभा और पंचायती राज चुनाव में हर बार इसी भवन में पोलिंग स्टेशन बनाया जाता है. हर बार मतदान से पहले चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी पहले पोलिंग स्टेशन का दौरा करने का दावा करते हैं, उसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है. दूरदराज के क्षेत्र में पोलिंग स्टेशन होने के कारण पोलिंग पार्टियां यहां मतदान से 3 दिन पहले पहुंच जाती है, जिन्हें लोगों के घरों में ठहराया जाता है.
वहीं, इस बारे डीसी एवं जिला चुनाव अधिकारी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मामला ध्यान में आया है और इस बारे एसडीएम करसोग को मौके पर जाकर देखने के निर्देश दिए जा रहे हैं.