मंडीः चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पंडोह से औट तक खतरों का हाईवे बनकर रह गया है. आए दिन पहाड़ी से पत्थर गिरना और कभी भी पहाड़ों का दरक जाना, इस हाईवे की पहचान बनता जा रहा है. इसके बाद जिला प्रशासन ने आईआईटी मंडी के सहयोग से पहाड़ी पर सेंसर लगाए, ताकि पहाड़ी के खिसकने का संकेत पहले ही मिल जाए और बड़ी अनहोनी से बचा जा सके. दो वर्ष पहले जो सेंसर पहाड़ी पर लगाए गए थे उनमें इस बार काफी ज्यादा मूवमेंट दर्ज की जा रही है.
संकेत स्पष्ट है कि पहाड़ियां धीरे-धीरे खिसक रही हैं और किसी बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रही हैं. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जो सेंसर लगाए गए हैं उनमें पहाड़ी के खिसकने की मूवमेंट दर्ज की जा रही है और इसकी रोकथाम के कोई बड़ी योजना बनाने पर काम करना शुरू कर दिया गया है.
बता दें कि पंडोह से औट तक फोरलेन का निर्माण कार्य भी चला हुआ है, लेकिन यहां पर सुखद बात यह है कि यह फोरलेन टनलों के माध्यम से बनाया जा रहा है. जब टनलों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तो फिर खतरों वाले हाईवे से यातायात कम हो जाएगा.