मंडी: लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक (Nerchowk Medical College) में वार्ड बॉय के टेंडर (Corruption allegations in Ward Boy Tender) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दो महीने बीत जाने और 7 कंपनियों की पात्रता पाए जाने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन इसका फाइनेंशियल टेंडर जारी नहीं कर पा रहा है. सूत्रों की मानें तो चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए यह टेंडर लगातार लटकाया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक में 100 से ज्यादा वार्ड बॉय आउटसोर्स के तहत रखे जाने हैं. इसके लिए पहले कॉलेज प्रबंधन ने ऐसी शर्तें लगाई थी, ताकि चहेतों को लाभ पहुंचाया जा सके,लेकिन बाद में 7 ऐसी फर्में सामने आई,जो इसके लिए पूरी तरह से पात्र पाई गई.
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉय टेंडर मामला, आज बैठक में होगा फैसला
लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक ( Nerchowk Medical College) में वार्ड बॉय के टेंडर (Corruption allegations in Ward Boy Tender) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दो महीने बीत जाने और 7 कंपनियों की पात्रता पाए जाने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन इसका फाइनेंशियल टेंडर जारी नहीं कर पा रहा है. सूत्रों की मानें तो चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए यह टेंडर लगातार लटकाया जा रहा है. वहीं, कॉलेज प्रबंधन ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारीज किया और आज बैठक कर कोई फैसला लेने की बात कही.
इस कारण चहेतों को लाभ पहुंचाना संभव होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. अब यदि इसका फाइनेंशियल टेंडर जारी कर दिया जाता है, तो जिसने सबसे कम रेट भरा होगा उसे टेंडर मिल जाएगा. ऐसे में अब कॉलेज प्रबंधन इस टेंडर को रद्द करने की दिशा में आगे बढ़ रहा , ताकि दोबारा से टेंडर जारी किया जाए और उसमें ऐसी टर्म एंड कंडीशन डाली जाए कि व्यक्ति विशेष को इसका लाभ मिल सके. सवाल यहां पर यह भी उठ रहा है कि जब नियम और शर्तों को सभी कंपनियां पूरा कर रही हैं, तो फिर प्रबंधन इसका फाइनल टेंडर क्यों जारी नहीं कर रहा है.
ज्वाइंट डायरेक्टर ने खारीज किया आरोप: इस बारे में जब लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के ज्वाइंट डायरेक्टर देवी चंद से बात की गई, तो उन्होंने टेंडर में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के आरोपों को खारिज कर दिया.उन्होंने माना कि 7 कंपनियां पात्र पाई गई ,लेकिन कंपनियों में आपसी विवाद चल रहा है. जिसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, सोमवार को इस संदर्भ में बैठक करके कोई न कोई निर्णय ले लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि वैसे भी यह मामला कोर्ट में गया था और कोर्ट ने मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं. प्रबंधन हर कार्य को पूरी पारदर्शिता के साथ करने में विश्वास रखता है.
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