मंडी: स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन मौजूदा वक्त में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल सिविल अस्पताल सुंदरनगर ने खोल के रख दी. जहां एक प्रसूता ने डिलीवरी के बाद अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा न मिलने की सूरत में पीजीआई को ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
बता दें कि इस घटना के बाद पूरा अस्पताल प्रबंधन सख्ते में आ गया. सुंदरनगर के मलोह क्षेत्र की 32 वर्षीय महिला की अस्पताल में सामान्य डिलीवरी हुई थी. कुछ समय के बाद महिला का स्वास्थ्य खराब हो गया. महिला की नाजुक हालत को देखते हुए पीड़िता को तुंरत पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन बीच रास्ते में ही महिला की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि अगर सिविल अस्पताल सुंदरनगर में वेंटिलेटर की सुविधा होती तो शायद महिला की जान बच सकती थी. सुंदरनगर अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक शर्मा का कहना है कि उनके दो साल के सेवाकाल में यह एक पहला मामला सामने आया है जो कि सुविधा न मिलने और नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कॉविड 19 अस्पताल घोषित किए जाने की वजह से पेश आया है. उन्होंने कहा कि समय रहते वेंटिलेटर न मिलने के कारण महिला की मौत हुई है.
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार को इस संदर्भ में उचित कदम उठाने चाहिए और इस तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए.
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