धर्मपुर/मंडी: जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह द्धारा सूचना के अधिकार कानून के तहत ली गई जानकारी के अनुसार धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में बिजली विभाग में कुल 260 कर्मचारियों के पद सृजित हैं, लेकिन उनमें से 130 पद खाली हैं. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यहां से सातवीं बार जीते विधायक वर्तमान सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं और उन्हीं के गृह क्षेत्र में आधी पोस्टें खाली होना बहुत बड़ा सवाल व चिंता का विषय है.
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धर्मपुर मंडल के अंतर्गत तीन उपमंडल और 14 अनुभाग हैं. इनके तहत विभिन्न क्षमताओं के 410 ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं, जो 26,863 उपभोक्ताओं को बिजली पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इसके बावजूद यहां आधे पद कर्मचारियों के ख़ाली पड़े हैं, जिसके कारण बिजली बाधित होने पर कई घंटों और दिनों तक बिजली बहाल नहीं हो पाती है. साथ ही वर्त्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को रात दिन निर्धारित समय से ज़्यादा काम करना पड़ता है.
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जूनियर टी मेटों के पदों के सबसे ज्यादा पद खाली हैं. कुल स्वीकृत 44 पदों में से महज 12 पद ही भरे गए हैं. ये कुल पोस्टों का पच्चीस प्रतिशत ही है और 32 पोस्टें खाली पड़ी हैं. ये सभी पोस्टें अनुबंध पर भरी गई हैं.
यहां एक भी जूनियर टी मेट रेगुलर नहीं है. इसी तरह टी मेटों की 27 पोस्टें स्वीकृत हैं, लेकिन उनमें से केवल 3 ही पोस्टें भरी हैं और 24 पोस्टें खाली हैं. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि एएलएम की कुल 36 पोस्टों में से 21 पोस्टें खाली हैं. कनिष्ठ अभियंता के 7 और क्लर्कों के 13 पद खाली पड़े हैं. इससे साफ है कि बिजली विभाग में कुल जरूरत का एक चौथाई स्टाफ ही कार्यरत है. ऐसी स्थिति में नियमित बिजली सप्लाई की उम्मीद कैसे सकता है.