मंडी:बीते अढ़ाई दिनों के महाजलप्रलय के बाद मंडी जिले में सोमवार को बारिश का दौर तो थम गया, लेकिन ब्यास नदी में उफान के चलते हालात अभी तक नहीं सुधरे हैं. मिली जानकारी के अनुसार भारी बारिश और नदी नालों में आई बाढ़ से मंडी जिले में दो और लोगों की मौत हो गई है. ब्यास नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बताया जा रहा है कि पंचवक्त्र मंदिर सहित आसपास का इलाका और पुराना पंडोह बाजार फिर से बाढ़ के पानी में डूब गया. जिससे लोगों में दहशत का माहौल है. सैंकड़ों सैलानी मंडी और कुल्लू जिले में फंसे हुए हैं.
आफत की बारिश: मिली जानकारी के अनुसार ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने से भ्यूली और सौली खड्ड में सोमवार को भी दर्जनों परिवारों से एहतियातन तौर घर खाली करवाए गए. बताया जा रहा है कि मंडी जिले में अभी भी 208 सड़कें बंद हैं. मंडी-कुल्ल एनएच भी बंद है और मंगलवार को भी इसके खुलने के आसार कम नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही 605 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं. जिससे जिले के सैंकड़ों गांव अंधेरे में हैं. मंडी जिले की दो जल बिजली परियोजनाएं लारजी और शानन में उत्पादन दो दिन से ठप्प पड़ा है. (Devastation after Heavy Rain in Mandi)
मंडराने लगा पेयजल संकट: बताया जा रहा है कि मंडी जिले में भारी बारिश से करीब 75 पेयजल सप्लाई प्रभावित हुई हैं. जिससे दर्जनों गांवों में पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है. पूरे मंडी शहर में पानी की सप्लाई ठप पड़ी हुई है. पानी की सप्लाई बाधित होने से होटल में रह रहे टूरिस्ट्स के लिए होटल मालिक टैंकरों से पानी मंगवा रहे हैं.
जिला प्रशासन ने खाली करवाए घर: प्राप्त जानकारी के अनुसार पंडोह से मंडी तक 113 परिवारों से प्रशासन ने घर खाली करवाए हैं और उन्हें दूसरी सुरक्षित जगहों पर भेजा है. कई लोगों को जिला प्रशासन ने अपने पास शरण दी है. बताया जा रहा है कि मंडी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान पंडोह वासियों को सहना पड़ा है. यहां पर लोगों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा है.