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करसोग में हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक होने पर महिला मंडल ने जताई चिंता, वन विभाग पर उठाए सवाल

करसोग में हजारों हेक्टेयर जंगलों में लगी आग को लेकर भी महिलाओं ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. आग की बढ़ती घटनाओं पर रविवार को आयोजित शिवा महिला मंडल देहरी की बैठक में महिलाओं ने जंगलों में लगने वाली आग पर चिंता जताई है.

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Published : Apr 11, 2021, 3:28 PM IST

Mahila Mandal expressed concern over forest burning in Karsog
करसोग में हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक होने पर महिला मंडल ने जताई चिंता

करसोगःकरसोग में आग की बढ़ती घटनाओं पर रविवार को आयोजित शिवा महिला मंडल देहरी की बैठक में महिलाओं ने जंगलों में लगने वाली आग पर चिंता जताई. उप-मंडल में हजारों हेक्टेयर जंगलों में लगी आग को लेकर भी महिलाओं ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए.

हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक

करसोग वन मंडल डिवीजन के तहत गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही हजारों हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं. इसमें लाखों की वन संपदा राख होने के साथ हजारों जीव-जंतु मौत का ग्रास बन गए हैं. जगंलों में उगने वाली वनस्पति सहित प्राकृतिक तरीके से उगी पौध भी स्वाह हुए हैं. ऐसे में वन विभाग सहित स्थानीय स्तर पर महिला मंडलों, युवक मंडलों व आम जनता हर साल जो पौधारोपण किया जाता है. यह सभी पौधे आग लगने से नष्ट हो गए हैं. इस पर लोगों की खून-पसीने की कमाई के करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन हैरानी की बात कि वन विभाग की लापरवाही से सब कुछ बर्बाद हो रहा है.

वीडियो.

आग की घटनाओं से बढ़ी चिंताएं

महिलाओं में चिंता जताई है कि आग की लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद भी वन विभाग कोई सबक लेने को तैयार नहीं है. अभी भी जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा है. इससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. अब गर्मियों का सीजन शुरू हो रहा है. ऐसे में अगर समय रहते कोई उचित कदम नहीं उठाए गए, तो बचे हुए जंगल भी राख हो जाएंगे. जंगलों को हो रहे नुकसान से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है.

इस वजह से अब अति सूखे व बाढ़ जैसे हालात पैदा होने लगे हैं, लेकिन पर्यावरण की चिंता करने वाली सरकार को यह सब दिखाई ही नहीं दे रहा है. सभी गहरी नींद में हैं. हमारे पास अपनी जिम्मेदारी निभाने का बहुत कम समय बचा है. अगर अब भी नहीं जागे तो हालात और भी खराब हो जाएंगे.

प्री-मानसून में कम बारिश

इस साल यह संकेत अति सूखे के रूप में दिखने भी लगे हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्री-मानसून सीजन में 1 मार्च से 10 अप्रैल तक प्रदेश भर में मात्र 60.4 मिलीमीटर बारिश हुई है. जो सामान्य से 55 फीसदी कम है. इसी तरह विंटर सीजन में भी 1 जनवरी से 28 फरवरी तक 59.2 मिलीमीटर बारिश हुई. यह सामान्य से 69 फीसदी कम थी. ऐसे में लंबे समय से चल रहे सूखे से भी कोई सबक नहीं लिया गया, तो मानव जाति को इसके और भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

महिला मंडल ने जताई चिंता

शिवा महिला मंडल देहरी की प्रधान वनिता गौतम ने बताया कि महिला मंडल की बैठक में वनों में लगनी वाली आग पर चिंता जताई गई. उन्होंने कहा कि हर साल सरकार पौधारोपण पर करोड़ों खर्च करती है. इसमें महिला मंडलों सहित युवक मंडल व स्थानीय लोग भी सहयोग करते हैं, लेकिन ऐसे पौधरोपण का क्या फायदा है, जब वन विभाग जंगलों को आग से ही नहीं बचा पा रहा है. उन्होंने सरकार से इस बारे में उचित कदम उठाए जाने की मांग की है.

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