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मंडी जिले में लंपी वायरस से अब तक 1077 पशुओं की मौत, 12 हजार 83 हुए ठीक

lumpy virus in mandi district: मंडी जिले में अभी तक 1 लाख 11 हजार 90 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. वहीं, इस वायरस से एक 1077 पशुओं की दुखद मौत भी हुई है. लंपी वायरस स्किन डिसीज विषाणु जनित बीमारी है. जिले में 2022 से अब तक 16 हजार 475 पशु इस वायरस के शिकार हुए हैं. जिनमें से 1077 पशुओं की मृत्यु हुई है. वहीं, 12 हजार 83 पशु इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Lumpy skin disease virus
मंडी जिले में लंपी वायरस से अब तक 1077 पशुओं की मौत

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Published : Jan 11, 2023, 6:48 PM IST

Updated : Jan 11, 2023, 6:55 PM IST

पशुपालन विभाग मंडी उप निदेशक संजय नड्डा.

मंडी:पूरे उत्तर भारत सहित हिमाचल प्रदेश में भी पशुओं में फैली लंपी स्किन डिसीज वायरस से बचाव के लिए पशुपालन विभाग में सघन टीकाकरण अभियान चलाया है. जिले की बात की जाए तो अभी तक 1 लाख 11 हजार 90 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. वहीं, इस वायरस से एक 1077 पशुओं की दुखद मौत भी हुई है. जिले में अब तक 3 हजार 315 लंपी वायरस के के एक्टिव चले हुए हैं. (lumpy virus in mandi district)

लंपी वायरस स्किन डिसीज विषाणु जनित बीमारी है. जिले में 2022 से अब तक 16 हजार 475 पशु इस वायरस के शिकार हुए हैं. जिनमें से 1077 पशुओं की मृत्यु हुई है. वहीं, 12 हजार 83 पशु इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. पशुपालन विभाग मंडी उप निदेशक संजय नड्डा ने बताया लंपी वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान के तहत एक लाख से अधिक टीके पशुओं को टीके लगाए गए हैं. 36990 वैक्सीन विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध है. जिले में 20 जनवरी तक इस टीकाकरण अभियान को पूर्ण कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले की अपेक्षा जिला में अब रोजाना 20 से 25 केस देखने को मिल रहे हैं.

उपनिदेशक ने बताया कि लंपी वायरस के उपचार हेतु विभाग ने तीसरी और चौथी तिमाही की दवाइयों की खेप भी खरीदकर सभी चिकित्सा संस्थानों को भेज दी गई है. विभाग द्वारा जिले में जागरूकता वाहनों के माध्यम से लंपी वायरस के प्रति पशु पालकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि लंपी वायरस डिसीज को जैसे ही डिजास्टर एक्ट में लाया जाता है तो पशुपालकों को मृत पशुओं का मुआवजा भी दिया जाएगा.

क्या है लंपी वायरस: लंपी वायरस, पशुओं (what is lampi virus) में फैलने वाला एक चर्म रोग (Lampi Skin Desease) है. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसका संक्रमण बढ़ा है. जानकारी के मुताबिक, इस वायरस की देश में एंट्री पाकिस्तान के रास्ते हुई है. इस बीमारी से ग्रसित जानवरों के शरीर पर सैकड़ों की संख्या में गांठे उभर आती हैं. साथ ही तेज बुखार, मुंह से पानी टपकना शुरू हो जाता है. इससे पशुओं को बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है. उसे चारा खाने और पानी पीने में भी परेशानी होती है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर, मक्खी और जूं आदि के काटने या सीधा संपर्क में आने से फैलती है. कम प्रतिरोधक क्षमता वाली गायें शीघ्र ही इस वायरस की शिकार हो जाती है. बाद में यह वायरस एक से दूसरे पशुओं में फैल जाता है.

लंपी वायरस से ऐसे बचाएं अपने पशुओं को: खास तौर से गायों में लगातार फैल रहे लंपी वायरस ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. गौशालाओं के बाहर पशुपालकों के पशु भी लंपी वायरस की चपेट में आने लगे हैं. राज्य सरकार इस वायरस पर नियंत्रण पाने के प्रयास कर रही है लेकिन फिलहाल यह काबू में नहीं आया है. सरकार ने पशुपालकों से अपील की है कि वे जागरूकता बरतते हुए अपनी गायों को इस वायरस की चपेट में आने से बचाएं. यह बीमारी लाइलाज है. ऐसे में एहतियात बरतना बेहद जरूरी है.

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Last Updated : Jan 11, 2023, 6:55 PM IST

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