मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का 21 वर्षीय कुसुम ठाकुर ने इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. दरअसल, ओडिशा के भुवनेश्वर में 26 से 29 दिसंबर तक आयोजित हुई इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुसुम ने यह मेडल 200 मीटर दौड़ में पहला स्थान हासिल करके जीता है. कुसुम ने यह दौड़ मात्र 24.13 सैकेंड में पूरी करके रिकार्ड कायम किया है. अगर कुसुम इस दौड़ को मात्र एक सेकेंड पहले पूरा कर लेती तो यह नया राष्ट्रीय रिकार्ड बन जाना था. कुसुम हिमाचल की इकलौती महिला धावक बन गई है जिसने इस दौड़ को इतने कम समय में पूरा किया है. इससे पहले प्रदेश की कोई भी महिला धावक इतने कम समय में 200 मीटर की दौड़ पूरी नहीं कर पाई है.
फेफड़ों में पानी भरने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, मंडी की कुसुम ने जीत कर लाया गोल्ड मेडल - mandi news
मंडी जिले के गोहर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बैला की 21 वर्षीय कुसुम ठाकुर ने भुवनेश्वर में आयोजित इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रदेश को गोल्ड मेडल दिलाया. बता दें कि मात्र 24.13 सेकेंड में 200 मीटर की दौड़ पूरी कर नया रिकार्ड बनाया. पढ़ें पूरी खबर..
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Jan 13, 2024, 2:31 PM IST
बता दें कि कुसुम वल्लभ कालेज मंडी में सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रही है. अभी कुसुम का चयन खेलो इंडिया के लिए हुआ है और उसके बाद कुसुम ने एशिया खेलों में भाग लेना और उसे जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है. कुसुम जब चौथी कक्षा में पढ़ती थी तो उसी वक्त दौड़ना शुरू कर दिया. एक बेहरीन धावक बनने का सपना लिए कुसुम जब बड़ी होकर प्रतियोगिताओं में जाने लगी तो मात्र 19 वर्ष की आयु में फेफड़ों में पानी भर गया. डॉक्टरों ने दौड़ने से साफ इन्कार कर दिया, लेकिन कुसुम ने हार नहीं मानी और बीमारी से लड़ते हुए खुद को पूरी तरह से फिट किया और फिर से मैदान में दौड़ने के लिए कूद गई. दो वर्षों तक कड़ी मेहनत करने के बाद अब कुसुम ने इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है.
कुसुम का मानना है कि प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए उस स्तर की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है जिससे वे आगे बढ़ सकें. यहा स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी स्तर पर जो सुविधाएं मिल पाती हैं उन्हीं में ही गुजारा करके आगे बढ़ना पड़ता है, लेकिन दूसरे राज्यों में खिलाड़ियों के लिए बहुत ज्यादा सुविधाएं हैं जिससे खिलाड़ी आगे बढ़ जाते हैं. प्रदेश सरकार भी अगर ऐसी सुविधाएं मुहैया करवाए तो खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में बल मिलेगा.
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