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दिवंगत मनसा राम के घर पहुंचे कौल सिंह ठाकुर, बोले- मंडी के विकास में पूर्व मंत्री का बड़ा योगदान

हिमाचल प्रदेश की करसोग विधानसभा क्षेत्र से दिग्गज नेता रहे दिवंगत मनसा राम के घर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर पहुंचे. पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि मंडी जिले को दिवंगत मनसा राम की हमेशा खलेगी. उन्होंने कहा कि मंत्री रहते हुए मनसा राम के समय में मंडी में भी बहुत से विकासकार्य हुए हैं. ऐसे में मंडी की जनता कभी मनसा राम के योगदान को नहीं भुला सकती है. (Kaul Singh thakur on Mansa Ram) (Mansa Ram house in mandi) (Kaul Singh thakur) (Former minister Mansa ram Political Career)

Former minister Mansa ram Political Career
दिवंगत मनसा राम के घर पहुंचे कौल सिंह ठाकुर

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Published : Jan 22, 2023, 6:19 PM IST

दिवंगत मनसा राम के घर पहुंचे कौल सिंह ठाकुर

करसोग/मंडी:हिमाचल में रिकॉर्ड धारी नेता रहे दिवंगत मनसा राम के घर में रविवार को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर सहित पूर्व सीपीएस सोहन लाल पहुंचे. इस दौरान दोनों ही नेताओं ने पूर्व मंत्री मनसा राम के परिवार से मिलकर संवेदना प्रकट की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि मनसा राम का राजनीतिक करियर बहुत लंबा रहा है. वे हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की सरकार में मंडी जिले से मंत्री रहे हैं. उनके कार्यकाल प्रदेश सहित मंडी जिले में अभूतपूर्व विकास हुआ है. खासकर करसोग के विकास में मनसा राम का बहुत बड़ा योगदान है. उनके कार्यकाल में ही अधिकतर विकास के कार्य हुए हैं.

50 साल से अधिक का राजनीतिक सफर: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि स्वर्गीय मनसा राम का 50 साल से अधिक का राजनीतिक सफर रहा है. वे सबसे पहले 1967 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. वहीं, 1972 में दूसरी बार करसोग से चुनाव जीतकर डॉ. वाईएस परमार की सरकार में मंत्री बने. जो मंडी जिले के लिए गौरव की बात थी. उन्होंने कहा की मनसा राम एक ऐसे मंत्री रहे हैं, जो डॉ. वाईएस परमार से लेकर प्रेम कुमार धूमल की सरकार में मंत्री रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनसा राम ने मंत्री रहते हुए प्रदेश में एक समान विकास किया है.

दिवंगत मनसा राम

मंडी को हमेशा खलेगी मनसा राम की कमी: पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि मंडी जिले को दिवंगत मनसा राम की हमेशा खलेगी. उन्होंने कहा कि मंत्री रहते हुए मनसा राम के समय में मंडी में भी बहुत से विकासकार्य हुए हैं. ऐसे में मंडी की जनता कभी मनसा राम के योगदान को नहीं भुला सकती है. बता दें कि करसोग विधानसभा क्षेत्र से सबसे पहले मनसा राम ने वर्ष 1967 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जनता के प्यार से 25 वर्ष की उम्र में उस दौर के सबसे युवा विधायक बने. इसके बाद वर्ष 1972 में मनसा राम ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत के साथ विधानसभा पहुंचे. इस तरह दूसरी जीत के बाद डॉ. वाईएस परमार की सरकार में मंत्री बने. ऐसे में 1972 से 2017 तक के चुनाव में मनसा राम ने कई चुनाव लड़े. इस दौरान चुनाव में भले ही उनको हार मिली हो या जीत, करसोग की जनता उन्हें मंत्री जी से ही संबोधित करती रही है. जनता के इसी प्यार के दम पर मनसा राम पांच बार करसोग से विधायक रहे. उनके कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ.

पांच चुनाव जीते, तीन बार मंत्री और एक बार CPS रहे:दिवंगत नेता मनसा राम ने राजनीति के लंबे सफर में करसोग विधानसभा क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व किया. मनसा राम वर्ष 1967, 1972, 1982, 1998 व 2012 में विधायक बने. इस तरह से पूर्व मंत्री ने पांच बार चुनाव जीता. इस दौरान वे 3 बार मंत्री और एक बार सीपीएस रहे. मनसा राम सबसे पहले डॉ. वाईएस परमार की सरकार में मंत्री बने. इसके बाद 1982 में वीरभद्र सिंह की सरकार में दूसरी बार मंत्री रहे. मनसा राम ने वर्ष 1998 में हिविंका के टिकट पर चुनाव जीता और भाजपा के साथ गठबंधन में बनी प्रेमकुमार धूमल की सरकार में तीसरी बार मंत्री बने.

बेटे महेश राज को डाला आखिरी वोट: वर्ष 2012 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीता और वीरभद्र सिंह की सरकार में पहली बार सीपीएस बने. इस बार वर्ष 2022 में कांग्रेस के टिकट पर करसोग विधानसभा क्षेत्र से मनसा राम के बेटे महेश राज ने चुनाव लड़ा. ऐसे में 12 नवंबर 2022 को पूर्व मंत्री ने बेटे महेश राज को आखिरी वोट डाला था.

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