करसोग: पीडब्ल्यूडी विभाग पर जगंलों और खड्डों में अवैध डंपिंग करने और नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का आरोप है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि करसोग में भारी बरसात में हुए भूस्खलन से सड़क पर आए मलबे को साथ लगते जंगलों और खड्डों में डंप किया जा रहा है. जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. वहीं, जंगलों और खड्डों को बचाने का जिम्मा देख रहा सरकारी तंत्र आंखे मूंदे तमाशा देख रहा है. इस तरह की लापरवाही पर नकेल कसने के लिए लोगों ने सरकार से कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
इस बार हिमाचल में मानसून सीजन ने काफी तबाही मचाई है. इस दौरान शिमला-करसोग मुख्य मार्ग सहित उपमंडल के अंतर्गत अन्य सड़कों पर भारी भूस्खलन हुआ है. ऐसे में जिन जगहों पर सड़कों से मलबा हटाकर बहाल किया जा रहा है, उसे साथ लगते जंगलों और खड्डों में ही डंप किया जा रहा है. इसका एक बड़ा उदाहरण शिमला करसोग मुख्य मार्ग पर बखरौट से सनारली के बीच देवदार के पेड़ों की बीच हुई अवैध डंपिंग है.
इसी तरह से तहसील मुख्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर पीडब्ल्यूडी ने बाईपास सड़क की कटिंग से निकाले गए मलबे को भी साथ लगती खड्ड में डंप किया गया है. ऐसे में विभाग की देखादेखी में भवन मालिक भी कटिंग के दौरान निकलने वाले मलबे की इमला खड्ड पर अवैध डंपिंग कर रहे हैं.