मंडी: जिला मंडी में उपमंडल करसोग के अंतर्गत अति दुर्गम क्षेत्र में पड़ने वाले मगाण को करसोग विधायक दीपराज गोद लेंगे. विकासखंड चुराग में ग्राम पंचायत सरतेयोला के तहत ये एक ऐसा गांव हैं, जो आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ा है. यहां आज भी ग्रामीण जिला शिमला और जिला मंडी की सीमा से होकर बहने वाली सतलुज नदी पर बने रस्सी के झूले में बैठने को मजबूर है. जिसके बाद वह करीब 3 किलोमीटर का पैदल सफर कर घरों तक पहुंचते हैं. अति कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने को मजबूर ग्रामीण कई बार सरकार से सतलुज नदी पर पुल लगाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन लोगों की आवाज किसी भी सरकार ने अब तक नहीं सुनी है. ऐसे में स्थानीय विधायक दीपराज सतलुज नदी पर बने झूले में बैठने के बाद पैदल गांव तक पहुंचे और लोगों की मुश्किलों को जाना.
'जीतने के बाद 56 साल बाद कोई विधायक पहुंचा मगाण': करसोग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अति दुर्गम पंचायत के अंतर्गत पिछड़े गांव मगाण वोटों की राजनीति तक ही सीमित रहा है. चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे करने वाले जनप्रतिनिधियों ने जीतने के बाद कभी जनता की सुध नहीं ली. गांव के बुजुर्गों के मुताबिक 1962 में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और 1967 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पूर्व मंत्री स्वर्गीय मनसा राम ने ही मगाण का दौरा कर लोगों की मुश्किलों को जाना था. अब 56 साल के लंबे अंतराल के बाद पहली बार विधायक बने दीपराज ने मगाण पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुना है.
'विधायक की चेतावनी पुल नहीं लगा तो बैठूंगा अनशन पर':विधायक दीपराज संकरे रास्तों और झाड़ियों के बीच से होकर मगाण गांव पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक के सामने अपना दुखड़ा सुनाया. जिस पर विधायक ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को चेतावनी दी है कि मगाण सहित साथ लगते क्षेत्रों को जल्द पुल से नहीं जोड़ा गया तो वे सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे. यही नहीं विधायक दीपराज ने लोगों के बीच बैठकर बिजली और पानी से संबंधित समस्याओं को भी सुना और को 6 माह में इन समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया.