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करसोग को 21 साल से नहीं मिला कोई मंत्री पद, अब इस वजह से लोगों में जगी आस - मंडी

डॉ. परमार की सरकार में सहयोगी रहे मनसा राम वर्ष 1998 में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में बनी सरकार में करसोग विधानसभा क्षेत्र से केवल एकमात्र और आखिरी बार मंत्री बने थे, इसके बाद प्रदेश में अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हो चुके, लेकिन मंत्री पद के नाम पर हर बार करसोग की झोली खाली ही रही.

Karsog has not get ministerial post from last 21 years

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Published : May 31, 2019, 11:45 AM IST

करसोगः हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व कर चुके करसोग विधानसभा क्षेत्र को पिछले 21 सालों से कोई मंत्री पद नहीं मिला है. वहीं, इस बार लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा को भारी लीड मिली है, ऐसे में करसोग की जनता के मन के एक कोने में इस बार मंत्री पद मिलने की उम्मीद घर कर गई है.

अगर बात करें पहले की तो डॉ. परमार की सरकार में सहयोगी रहे मनसा राम वर्ष 1998 में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में बनी सरकार में करसोग विधानसभा क्षेत्र से केवल एकमात्र और आखिरी बार मंत्री बने थे, इसके बाद प्रदेश में अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हो चुके, लेकिन मंत्री पद के नाम पर हर बार करसोग की झोली खाली ही रही.

इस दौरान वर्ष 2003, 2012 और 2017 में तो करसोग की जनता ने जिस पार्टी से विधायक को जिताया था, प्रदेश में सरकार भी उसी पार्टी की रही है. ये बात इसलिए भी है कि प्रदेश की भाजपा सरकार में दो मंत्री के पद भरे जाने हैं और करसोग से वर्तमान में हीरालाल भाजपा के विधायक हैं.

हीरा लाल, भाजपा विधायक.

हीरा लाल दूसरी बार चुनकर विधसनसभा पहुँचे हैं और हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार राम स्वरूप शर्मा को भारी लीड दिलाने में भी करसोग का प्रदर्शन सराहनीय रहा है. यहां से भाजपा को 26,680 वोटों की लीड मिली है.

1998 से अब तक का सफर
करसोग को वर्ष 1998 में धूमल मंत्रिमंडल में आखिरी बार प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था. उस दौरान विधानसभा में ऐसे हालात पैदा हो गए थे कि कोई भी दल अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं था. लोगों ने दोनों ही प्रमुख दलों को बहुमत के आंकड़े से दूर रखा था. कांग्रेस को 31 और भाजपा को भी 31 सीटें मिली थी.

वहीं, कांग्रेस से नाराज चल रहे सुखराम ने हिमाचल विकास पार्टी नाम से अपना अलग दल बनाकर विधान सभा चुनाव लड़ा था और मनसा राम भी हिविका से चुनकर विधानसभा पहुंचे थे. इस तरह कांग्रेस से चल रहे छत्तीस के आंकड़े के कारण सुखराम ने भाजपा को अपना समर्थन दिया था और प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में सरकार बनी थी.

धूमल सरकार में मनसाराम को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग संभालने का आखिरी बार दायित्व मिला था. इसी तरह वर्ष 2003 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. करसोग से भी जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी मस्तराम को जीताकर विधानसभा भेजा था. 2007 में भाजपा सरकार बनी, लेकिन करसोग की जनता ने उस दौरान आजाद चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी पर भरोसा जताया था.

वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्र्रेस पार्टी सत्ता में आई और वीरभद्र सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. करसोग से भी जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी मनसाराम की चुनकर विधानसभा में भेजा था. उस वक्त मनसाराम के लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन लोगों के हाथ निराशा ही लगी.

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की ओर से कहा गया था कि जिस विधानसभा क्षेत्र से ज्यादा लीड मिलेगी मंत्री मद उसे दिया जाएगा. अब प्रदेश में मंडी जिला से तालुक रखने वाले जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार है और करसोग से हीरालाल भाजपा के विधायक हैं. ऐसे मंडी कनेक्शन होने के नाते लोग इस बसर मंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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