मंडी:उत्तराखंड में हुए सिलक्यारा टनल हादसे से सीख लेते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण और ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है. किरतपुर मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई ने एक दर्जन के करीब टनलों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें से अधिकतर टनलों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है. शनिवार को मंडी जिले में फोरलेन परियोजना में निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा मानकों के अनुपालन की जांच को लेकर गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने इन टनलों की निरीक्षण करना शुरू कर दिया है.
बता दें कि एडीएम मंडी मदन कुमार की अध्यक्षता गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण किया. समिति ने मौके पर जाकर निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा की दृष्टि से जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने वहां कार्यरत कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए उपलब्ध सुरक्षा प्रोटोकॉल की जानकारी ली और उससे जुड़ी संपूर्ण व्यवस्था को बारीकी से जांचा. समिति ने फोरलेन पर सुरंगों की योजना, डिजाइन, निर्माण, सुरक्षा और रखरखाव की समीक्षा की. किसी आपदा या हादसे के दौरान आपातकालीन योजना के संबंध में भी कंपनी प्रबंधन से जानकारी ली. सुरंग में प्रकाश व्यवस्था, वायु की गुणवत्ता, कार्य कर रहे मजदूरों को दिए सुरक्षा उपकरणों की गुणवत्ता, दो तरफा सुरंगों के मध्य अंतर कनेक्टिविटी की व्यवस्था समेत प्रत्येक पहलू को गहनता से जांचा गया.
समिति ने श्रमिकों से बातचीत कर आपातकालीन निकासी योजना के संबंध में उनके जानकारी स्तर को भी परखा. सायरन बजने का क्या अर्थ है, आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी मार्ग कौन सा है, सुरक्षित निकासी के बाद कहां एकत्र होना है, इसे लेकर श्रमिकों से संवाद किया. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारी और मजदूरों के बचाव और सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा भी लिया गया.