मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार जिला की प्राचीन संस्कृति के दर्शन होंगे. लोगों को प्राचीन संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए प्रशासन ने सर्व देवता समिति से कुछ हटकर करने का आग्रह किया था. जिसको लेकर समिति ने खंड स्तर पर कारदार व पुजारियों के साथ बैठक की. सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने बताया प्राचीन काल की देव परंपरा को आगे भी चलाया जाएगा. बैठक में हर घाटी के बांठड़ा के अलग स्वरूप होने की बात सामने आई.
शिवरात्रि महोत्सव में इस बार दिखेगी प्राचीन संस्कृति की झलक, सर्व देवता समिति की बैठक में चर्चा
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार जिला की प्राचीन संस्कृति के दर्शन होंगे. लोगों को प्राचीन संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए प्रशासन ने सर्व देवता समिति से कुछ हटकर करने का आग्रह किया था. जिसको लेकर समिति ने खंड स्तर पर कारदार व पुजारियों के साथ बैठक की.
सराजी शिवरात्रि का सैई, बांठडे़, बदारु, सराजी नाटी भी महोत्सव में जनता के समक्ष लाने को लेकर चर्चा की गई. अब प्राचीन संस्कृति को लेकर डीसी से चर्चा की जाएगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया इस दौरान कारदारों ने नए देवता पंजीकृत करने के बारे मे सहमति प्रकट नहीं की. इसके अलावा पधर में हुई बैठक में सेरी मंच में चौहारघाटी के देवी देवताओं की देव खेल को लेकर भी सहमति दी गई. बता दें कि देव खेल भी आकर्षण का केंद्र रहता है.
वहीं, बैठक में कारदारो ने मांग रखी है कि मानदेय राशन भत्ता को 20 रुपये बढ़ाया जाए. साथ ही लकड़ी की मात्रा भी अधिक की जाए. इसके अलावा अन्य विषयों को भी उपायुक्त के सामने मांगे रखी गई है.