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ITI प्रशिक्षु की करंट लगने से मौत मामले ने पकड़ा तूल, पीड़ित परिवार को 5 करोड़ देने की मांग - mandi news

आईटीआई प्रशिक्षु की करंट लगने से हुई दर्दनाक मौत के मामले तूल पकड़ता जा रहा है. रविवार को टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के द्वारा मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही पीड़ित परिवार को पांच करोड़ मुआवजा और नौकरी की मांग भी की है.

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ITI प्रशिक्षु की करंट लगने से मौत मामले ने पकड़ा तूल

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Published : Feb 7, 2021, 7:59 PM IST

सुदंरनगर/मंडी: उपमंडल सुंदरनगर के तहत महादेव क्षेत्र में बीते शुक्रवार को आईटीआई प्रशिक्षु की करंट लगने से हुई दर्दनाक मौत के मामले तूल पकड़ता जा रहा है. इसको लेकर रविवार को टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के द्वारा मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.

मंच के पदाधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर दो माह के अंदर गैरकानूनी तरीकों से लगाए गए ट्रांसमिशन टावर और लाइनों को हटाया नहीं गया, तो इसके खिलाफ किसान आंदोलन की तर्ज पर सुंदरनगर से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा. इसके साथ मंच ने मृतक के परिवार को पांच करोड़ रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी और घायल युवक को दो करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांंग की है.

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बिजली विभाग की लापरवाही से हुआ हादसा: रजनीश शर्मा

इस अवसर पर टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट रजनीश शर्मा ने कहा कि बिजली उत्पादन से सरकार और कंपनियां अरबों रुपयों का मुनाफा कमाती है, लेकिन बिजली के टावर और ट्रांसमिशन लाइनों को जमीनों और घरों के ऊपर से डालकर गरीबों के साथ धोखा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुंदरनगर के घांघल में निजी आईटीआई में हुआ दर्दनाक हादसा विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते हुए हैं.

जयराम सरकार ने कही थी कानून बनाने की बात

एडवोकेट रजनीश शर्मा ने पहले भी इसी तरह से प्रदेश में ट्रांसमिशन टावर और लाईनों के द्वारा सैंकड़ों मौतें हो चुकी हैं. रजनीश शर्मा ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मौजूदा समय में सत्तासीन भाजपा के मेनिफेस्टो में भी सत्ता में आने पर ट्रांसमिशन टावर और लाइनों के खिलाफ कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन धरातल पर आजदिन तक इस दिशा में कुछ नहीं हो पाया है.

बता दें कि टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच पिछले सात वर्षों से हिमाचल प्रदेश में बिजली की ट्रांसमिशन लाइनों के कारण लोगों को आने वाली मुश्किलों को लेकर संघर्षरत है. मंच के द्वारा समय-समय पर ट्रांसमिशन लाईनों को बिछाने के दौरान भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को अमल में नहीं लाने पर न्यायालय तक में मामले उठाए गए हैं.

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