मंडी:हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में विकास के नाम पर हुए गैर-नियोजित विकास ने लोगों से उनके आशियाने छीन लिए. वहीं, प्रदेश में पानी के रूप में बरस रहे कहर से अनेक स्थानों पर लोग अपने घर-बार छोड़ कर शरणार्थियों की तरह रहने को मजबूर है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसा ही एक मामला मंडी के विकास खंड सुंदरनगर की ग्राम पंचायत सलवाणा के गांव गमोहूं में भी सामने आया है. जहां दो भाइयों का परिवार अपना घर-बार छोड़ दूसरों के घरों में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं. बता दें, गांव में ही किराए पर लिए दो कमरों में 13 लोगों का परिवार किसी तरह गुजर बसर कर रहा है. बताया जा रहा है कि फोरलेन निर्माण के लिए हुई टनलों की खुदाई के कारण मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई. जिसके बाद खतरा को देखते हुए मकान के खाली करना पड़ा.
दरअसल, फोरलेन निर्माण से पहले तक दोनों भाई घर में रहते थे. समय सुख से व्यतीत हो रहा था, लेकिन फोरलेन निर्माण के लिए टनलों की खुदाई दोनों परिवारों पर आफत बन कर टूट पड़ी. भवाणा टनल के निर्माण के दौरान हर रोज भारी भरकम मशीनों की पहाड़ी में खोदाई से होने वाली कंपन से रसोई के बर्तन गिरते थे. धीरे-धीरे घर में दरारें आना शुरू हो गई थी. उस दौरान परिवार ने एनएचएआई से बार-बार मिलकर अपनी आपबीता को बताई और विरोध भी जताया था, लेकिन किसी पर उनकी परेशानी का कोई असर नहीं हुआ.