मंडीः विधानसभा क्षेत्र बल्ह में बीते 20 सालों से विभिन्न विभागों के पास अनखर्चे पड़े धन का ब्यौरा लेने और विकास योजनाओं की समीक्षा को नेरचौक में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता हिमाचल के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने की. इस मौके पर महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि नेरचौक नगर परिषद क्षेत्र की सीवरेज योजना पर 60 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे.
इसके लिए डीपीआर तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजी जा रही हैं. जलशक्ति मंत्री ने बैठक में हर विभाग से बल्ह विधानसभा क्षेत्र में बीते 20 सालों से उनके पास अनखर्चे पड़े धन का बिन्दुवार ब्यौरा लिया.
साथ ही जाना कि साल 2000 से मार्च 2020 तक किस किस विभाग के पास अलग अलग मदों में कितना धन अनखर्चा पड़ा है. बैठक में सामने आया कि बल्ह उपमंडल में विभिन्न विभागों के पास 70 करोड़ की राशि अनखर्ची पड़ी है. अकेले ग्रामीण विकास व पंचायतीराज के पास ही 18 करोड़ रुपए अनखर्चे हैं.
विकास को गति देने की कवायद
महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना महामारी के दौर में मंद पड़े विकास को तीव्र गति देने के लिए राज्य स्तर पर कैबिनेट सब कमेटी गठित की है. यह समिति विभिन्न विभागों को 2001 से 2020 के बीच विकास कार्यों के लिए दी धनराशि के खर्चे का ब्यौरा ले रही है.
इसके लिए प्रदेश, जिला व उपमंडल स्तर पर समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि अब तक अनखर्चे रहे धन का सदुपयोग कर विकास को गति दी जा सके. उन्होंने बताया कि मंडी जिला में यह चौथी समीक्षा बैठक है.
बल्ह के लिए करोड़ों की पेयजल योजनाएं
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स योजना के तहत 41 करोड़ की उपरला बल्ह रिवालसर से लेदा पेयजल योजना विधायक प्राथमिकता में डाली गई है. साथ ही नेरचौक के लिए अनुमानित 28 करोड़ की पेयजल योजना की डीपीआर तैयार करने के निर्देश भी दिए. जल जीवन मिशन के तहत मार्च, 2022 तक बल्ह विधान सभा क्षेत्र में 11471 नल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
सड़कों के रखरखाव पर जोर
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग में बल्ह उपमंडल के तहत इस वित्त वर्ष में 12 करोड़ रूपए विकास कार्यों पर व्यय किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान उपमंडल में 22 किलोमीटर टारिंग के लक्ष्य के विरूद्ध 39 किलोमीटर पर टारिंग का कार्य किया जा चुका है. वाहन योग्य 42 किलोमीटर सड़कों पर भी टारिंग का कार्य किया गया है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में गत वर्ष के दौरान 20 करोड़ की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर व्यय की गई.
पर्यटन विकास के प्रयास
उन्होंने कहा कि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने क लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत रिवालसर और उसके साथ लगते स्थलों को जोड़ा जा रहा है. जिसके तहत लगभग पांच करोड़ की डीपीआर बनाई गई है. रिवालसर के साथ लगती 7 झीलों को बाबा बजरोट और उसके आसपास के रमणीक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए करीब 90 लाख रुपए की योजना तैयार की गई है. वहीं, नेरचौक मेडिकल कालेज में 17 करोड़ की लागत से कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है.
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