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जर्जर स्कूल भवन में पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल, बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे अभिभावक - अभिभावक

स्कूल पहुंचने के लिए खड्ड पर बना पुल कभी भी गिर सकता है. स्कूल की जमीन धंसने के कारण शिक्षकों समेत अभिभावकों को बच्चों की चिंता सुबह से लेकर शाम तक सताती रहती है. स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक 33 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं.

जर्जर हालत में हराबाग का प्राइमरी स्कूल

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Published : May 28, 2019, 4:27 PM IST

सुंदरनगरः सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के बच्चे जर्जर स्कूल बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सुंदरनगर के हराबाग राजकीय प्राथमिक पाठशाला में आलम यह है कि स्कूल भवन के आसपास की जमीन पूरी तरह से धंस चुकी है, जिस कारण स्कूल की सुरक्षा दीवार समेत परिसर में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है.

जर्जर हालत में हराबाग का प्राइमरी स्कूल

स्कूल पहुंचने के लिए खड्ड पर बना पुल कभी भी गिर सकता है. स्कूल की जमीन धंसने के कारण शिक्षकों समेत अभिभावकों को बच्चों की चिंता सुबह से लेकर शाम तक सताती रहती है. स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक 33 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं. हाल ही में स्कूल प्रबंधन ने एसएमसी के साथ मिलकर नर्सरी कक्षाएं भी शुरू की हैं. नर्सरी कक्षा में 6 छोटे-छोटे बच्चे हैं.

ग्रामीणों की माने तो स्कूल भवन के साथ गहरी खड्ड है. यहां पर पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद स्कूल की दीवार में दरारें आना शुरू हुई थी, लेकिन अब यह भवन इस्तेमाल करने के लायक नहीं रहा है. लोगों का कहना है कि इस बारे में पिछले 10 माह में कई बार स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग को ज्ञापन देकर स्कूल सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की मांग उठाई गई है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.

जर्जर हालत में हराबाग का प्राइमरी स्कूल

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इसके विरोध में अब अभिभावकों ने स्कूल में बच्चों को भेजना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल को किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं भेजा जाता है तब तक अभिवावक अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए नहीं भेजेंगे. बता दें कि एक तरफ सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे करती नहीं थकती तो दूसरी तरफ सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला की सुंदरनगर विधानसभा में स्कूलों की हालत ठीक नहीं है. अब देखना होगा सरकार कब बच्चों के भविष्य के लिए फैसला लेती है.

स्थानीय निवासी ठाकुर दास ने मौजूदा हालात को देखते हुए कहा कि आज स्कूल में बच्चे पढ़ने के लिए नहीं पहुंचे क्योंकि स्कूल की दीवारों में दरारें आ चुकी है, जिस की वजह से स्कूल कभी भी गिर सकता है. कई बार प्रसाशन से मांग की गई है, लेकिन एक साल बाद भी प्रसाशन द्वारा इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया. जल्द ही बरसात का मौसम आने वाला है, जिस कि वजह से स्कूल कभी भी गिर सकता है तो बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया है.

जर्जर हालत में हराबाग का प्राइमरी स्कूल

वहीं मामले की जानकारी देते हुए चमुखा पंचायत प्रधान कौशल्या देवी ने कहा कि स्कूल व स्कूल के साथ लगते पुल में पड़ी दरारों को लेकर कई बार स्थानीय प्रसाशन और जिला प्रसाशन से मांग की गई है, लेकिन आज तक समस्या का हल नहीं हो पाया है. पंचायत के पास बजट कम होता है इसलिए पंचायत अपने स्तर पर इस काम को नहीं करवा सकती. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द पैसे का प्रावधान कर स्कूल को ठीक करवाया जाए, ताकि बच्चों की पढाई खराब न हो सके.

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खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी सुंदरनगर मीरा देवी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि आचार संहिता लागू होने के कारण स्कूल के आंगन की मरम्मत के लिए बजट की मंजूरी नहीं मिल पाई थी. मामला विभाग में उठाया गया है. अभिवावक स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजें, इसलिए एसएमसी से बात की जा रही है.

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