मंडी: देश की बेटियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. जब कभी बेटियों को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलता है तो वह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर सभी को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर देती हैं. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह चौंतड़ा स्कूल की होनहार छात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कामयाबी का डंका बजा रही हैं.
मंडी जिला के जोगिंद्रनगर उपमंडल के तहत आने वाला सीनियर सेकेंडरी स्कूल चौंतड़ा इन दिनों राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में अग्रसर हो रहा है. कारण, इस स्कूल की होनहार छात्राओं की काबिलियत. चौंतड़ा स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा रितिका और नौंवी कक्षा की छात्रा रश्मि ने स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स बनाकर देश भर में न सिर्फ खुद का बल्कि स्कूल और इलाके का नाम भी रोशन किया है.
यह सब संभव हो पाया है केंद्र सरकार के अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्कूलों में चलाई जा रही अटल टिंकरिंग लैब के कारण. चौंतड़ा स्कूल में इस लैब को वर्ष 2016 में स्थापित किया गया. स्कूल की छात्रा रितिका और रश्मि ने लैब प्रभारी संदीप वर्मा के मार्गदर्शन में कुछ नया करने की सोची. रितिका बताती हैं कि स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स बनाने का आइडिया उन्हें अपने बुजुर्गों से मिला. उन्होंने देखा कि बुजुर्ग अकसर समय पर दवाई लेना भूल जाते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है. इसी बात को ध्यान में रखकर रितिका और रश्मि ने स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स का निर्माण किया.
यह बॉक्स मरीज को दिन में चार बार दवाई लेने का अलर्ट देने का काम करता है. इस मॉडल को रितिका और रश्मि जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित कर चुकी हैं. राष्ट्रीय स्तर पर इस मॉडल की काफी प्रशंसा हुई और केंद्र सरकार ने भी इसे खूब सराहा. रितिका और रश्मि एक साधारण परिवार से संबंध रखती हैं और इनके पिता मजदूरी करते हैं. लेकिन अटल टिंकरिंग लैब ने इन बेटियों की सोच को हकीकत में बदलने का कार्य किया है.