सराज: हिमाचल में प्रकृति ने जमकर अपनी सुंदरता बिखेरी है. यहां प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर कई खूबसूरत जगहें हैं, लेकिन इन जगहों के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. ईटीवी भारत की खास सीरीज अनछुआ हिमाचल में हम आपको ऐसी ही खूबसूरत जगहों के बारे में जानकारी देते हैं. आज अनछुआ हिमाचल में हम आपको जिला मंडी और कुल्लू की सीमा पर स्थित गाड़ागुशैणी के बारे में जानकारी देंगे.
प्रकृति की गोद में बसा गाड़ागुशैणी अभी तक पर्यटकों की पहुंच से दूर है. साल 1998 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने जब इस क्षेत्र का दौरा किया था, तो उन्हें ये जगह इतनी पसंद आई कि जनसभा में गाड़ागुशैणी को मिनी स्विट्जरलैंड से संबोधित कर दिया.
गाड़ागुशैणी के आसपास खौली, छाछगलू , तुंगासीधार और माधोपुर गढ़ पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. खौली गाड़ागुशैणी से 4 किलोमीटर की दूरी पर है, जो कि खूबसूरत पर्यटन स्थल है. यहां कुछ दुकानों के अलावा ढाबानुमा रेस्टारेंट हैं, जहां खाने पीने की चीजें मिल जाती हैं.
खौली के चारों ओर देवदार, रई और खरशु के घने जंगल मन मोह लेने वाले हैं. वहीं, छाछगलू गाड़ागुशैणी की चोटी पर स्थित है, जहां से कुल्लू और मंडी जिला की खूबसूरत वादियों को निहारा जा सकता है.
इसके साथ ही गाड़ागुशैणी के माधोपुर गढ़ और तुंगासीधार ट्रैकिंग के लिए बेहतरीन स्थल हो सकते हैं. इसके अलावा ये क्षेत्र आज भी अपनी पुरानी शैली के काष्टकुणी मकानों की धरोहर को बचाए हुए है, जो सांस्कृतिक पर्यटन के महत्वपूर्ण दस्तावेज माने जा सकते हैं.
ग्रीष्मकालीन पर्यटन का खूबसूरत पड़ाव
ग्राम पंचायत थाचाधार के प्रधान ललित कुमार ने कहा कि अगर गाड़ागुशैणी को संवारने का प्रयास किया जाए, तो यह पर्यटकों के लिए ग्रीष्मकालीन पर्यटन का एक खूबसूरत पड़ाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि जीभी से गाड़ागुशैणी का मार्ग में सुधार करने की जरूरत है. पर्यटक सड़क की हालत देखकर जीभी से आगे नहीं आ पाते. उन्होंने कहा कि दूसरे पर्यटन स्थलों की तर्ज पर गाड़ागुशैणी को विकसित करने की जरूरत है.