करसोग:करसोग की जनता के लिए पूर्व विधायक मस्तराम की आत्महत्या (Former MLA Karsog Mastram Suicide) की खबर गहरे सदमे की तरह है. शिक्षक से राजनेता बने मस्तराम लोगों के बीच मे विनम्र स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे. हर वक्त आम जनता के बीच उपलब्ध रहने वाले मस्तराम सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते थे. पूर्व विधायक हाल ही में विधानसभा क्षेत्र के तहत एक शादी समारोह में भी शामिल हुए थे. जिसकी फोटो उन्होंने 3 जुलाई को सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी.
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए वे कांग्रेस पार्टी से टिकट के भी प्रबल दावेदार थे. जिसके लिए वह लोगों के बीच लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे. इस दौरान डेढ़ साल में वे कई पंचायतों का दौरा भी कर चुके थे. कांग्रेस के पूर्व विधायक मस्त राम की आत्महत्या से उनके पैतृक गांव निहरी समेत करसोग में शोक की लहर दौड़ गई है. मस्त राम का जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा. राजनीति क्षेत्र में भाग्य आजमाने से पहले पहले वह सरकारी स्कूल मे शिक्षक के पद पर तैनात थे.
उन्होंने 1982 में कांग्रेस टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद जनता दल के टिकट पर भी उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार भी चुनाव में जीत नहीं मिली. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 1993 में कांग्रेस के टिकट पर फिर चुनाव लड़ा और पहली बार जीत दर्ज की. इसके बाद 2002 में दूसरी बार फिर विधायक बने. मस्त राम वीरभद्र के करीबियों में एक माने जाते थे. मस्तराम के निधन पर करसोग के पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री मनसा राम, विधायक हीरा लाल, भाजपा अध्यक्ष कुंदन ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पृथी सिंह नेगी ने शोक प्रकट किया है.
बता दें कि करसोग विधानसभा सीट से दो बार कांग्रेस के विधायक रहे मस्त राम (70) ने सोमवार को सुंदरनगर के एक होटल में पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी. सूचना मिलते ही जांच के लिए होटल पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद (Former MLA Mastram Suicide) किया, जिसमें आत्महत्या के लिए उन्होंने खुद को जिम्मेदार ठहराया है.
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