मंडी:द्रंग के पूर्व विधायक एवं समाजसेवी गौतम दीनानाथ शास्त्री का सोमवार शाम को ह्रदयघात से आकस्मिक निधन हो गया. वे लगभग 84 साल के थे. सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जोनल अस्पताल मंडी लाया गया. जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. दीनानाथ शास्त्री का जन्म 28 सितंबर 1939 द्रंग के भटवाड़ी गांव में हुआ. दीनानाथ शास्त्री शिक्षक आंदोलन के नेता रहे. शिक्षकों की समस्याओं को लेकर उन्होंने समय समय पर अपनी प्रखर आवाज बुलंद की. 1990 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का विजयी रथ रोककर विधानसभा की दहलीज में कदम रखा. जहां प्रखर वक्ता शैली से एक अलग नई पहचान बनाई.
बताया जा रहा है कि सोमवार शाम 3 बजे दीनानाथ शास्त्री को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. जिसके उपरांत परिजन तुरंत उन्हें जोनल अस्पताल मंडी ले गए. जहां डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. दीनानाथ शास्त्री एक अच्छे शिक्षक के साथ साथ सुलझे हुए राजनीतिक व लेखक भी थे. शुरू में जनसंघ से जुड़े शास्त्री भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता रहे. 1977 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा. उसके बाद 1982 और 1987 में भी चुनाव लड़ा. लेकिन चुनाव जीत नहीं पाए.