मंडी:भले ही दिग्गज नेता मनसा राम देह से स्मृति हो गए हों, लेकिन राजनीति में इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी तक का राज देख चुके मनसा राम हमेशा करसोग की जनता के दिलों में रहेंगे. दिवंगत नेता मनसा राम हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार से लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सत्ता में आते देखा है. करसोग विधानसभा क्षेत्र से सबसे पहले मनसा राम ने वर्ष 1967 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जनता के प्यार से 25 वर्ष की उम्र में उस दौर के सबसे युवा विधायक बने. (Former minister Mansaram Political Career)
करसोग की जनता उन्हें मंत्री जी से करती थी संबोधित:इसके बाद वर्ष 1972 में मनसा राम ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत के साथ विधानसभा पहुंचे. इस तरह दूसरी जीत के बाद डॉ. वाईएस परमार की सरकार में मंत्री बने. ऐसे में 1972 से 2017 तक के चुनाव में मनसा राम ने कई चुनाव लड़े. इस दौरान चुनाव में भले ही उनको हार मिली हो या जीत, करसोग की जनता उन्हें मंत्री जी से ही संबोधित करती रही है. जनता के इसी प्यार के दम पर मनसा राम पांच बार करसोग से विधायक रहे. उनके कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ.
दिवंगत पूर्व मंत्री मनसा राम. पांच चुनाव जीते, तीन बार मंत्री और एक बार CPS रहे:दिवंगत नेता मनसा राम ने राजनीति के लंबे सफर में करसोग विधानसभा क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व किया. मनसा राम वर्ष 1967, 1972, 1982, 1998 व 2012 में विधायक बने. इस तरह से पूर्व मंत्री ने पांच बार चुनाव जीता. इस दौरान वे 3 बार मंत्री और एक बार सीपीएस रहे. मनसा राम सबसे पहले डॉ. वाईएस परमार की सरकार में मंत्री बने. इसके बाद 1982 में वीरभद्र सिंह की सरकार में दूसरी बार मंत्री रहे. मनसा राम ने वर्ष 1998 में हिविंका के टिकट पर चुनाव जीता और भाजपा के साथ गठबंधन में बनी प्रेमकुमार धूमल की सरकार में तीसरी बार मंत्री बने.
बेटे महेश राज को डाला आखिरी वोट: वर्ष 2012 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीता और वीरभद सिंह की सरकार में पहली बार सीपीएस बने. इस बार वर्ष 2022 में कांग्रेस के टिकट पर करसोग विधानसभा क्षेत्र से मनसा राम के बेटे महेश राज ने चुनाव लड़ा. ऐसे में 12 नवंबर 2022 को पूर्व मंत्री ने बेटे महेश राज को आखिरी वोट डाला था. (Former Minister Mansaram passed away in IGMC) (Former MLA Karsog Mansaram passed away)
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