मंडी/करसोग: गर्मी आते ही प्रदेश में अग्निकांड की घटनाएं दिन प्रतिदिन दिन बढ़ती ही जा रही है. विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों जंगलों में आग लगाने की घटनाओं पर वन विभाग अब सख्त हो गया है. विभाग ने बहुमूल्य वन संपदा को आग से बचाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक अब अपने निजी भूमि पर भी खेतों और घासनियों में आग लगाने से पहले वन विभाग के अधिकारियों को सूचित करना होगा.
खेत या जंगलों में आग लगाने पर सरकार सख्त
सूचना के बाद मौके पर गार्ड या बीओ भेजे जाएंगे और उनकी की उपस्थिति में निजी भूमि पर घास और झाड़ियों को जलाया जा सकेगा. इस बारे में अगर कोई भी व्यक्ति लापरवाही करते हुए पाया जाता है तो वन विभाग अब ऐसे लोगों खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा.
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बता दें कि गर्मियों के सीजन में करसोग के कई क्षेत्रों में इन दिनों पूरे के पूरे जंगल जलकर तबाह हो रहे हैं. जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचने के साथ जंगलों में रह रहे जीव जन्तु भी आग की भेंट चढ़ रहे है. आगजनी की घटनाओं से जंगली जानवरों से भी उनका रहने का ठिकाना छीन रहा है. जिससे अब जंगली जानवर अपनी जान बचाने के लिए रिहायशी इलाकों की ओर भाग रहे हैं और खेती को भी बर्बाद कर रहे हैं.
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इस घटना को देखते हुए वन विभाग ने लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ सख्ती से पेश आने का फैसला लिया है. इस बाबत संबंधित अधिकारियों को भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. डीएफओ करसोग आरके शर्मा का कहना है कि इन दिनों जंगलों में आग लग रही है इसलिए स्थानीय लोगों से अनुरोध है कि अपनी निजी भूमि में आग लगाने से पहले वन विभाग को सूचित करें. नियमानुसार भी लोगों ऐसा करना जरूरी है, अगर लोग ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ इंडियन फारेस्ट एक्ट 1927 के तहत सजा का प्रावधान है.
ये है जंगलों में आग लगने की बड़ी वजह
देखने में आया है कि जंगलों में अधिकतर आग लगने की घटनाएं लोगों की लापरवाही के कारण हो रही है. इन दिनों लोग गेहूं की कटाई करने के बाद लोग अगली फसल की बिजाई से पहले खेतों में बचे घास में आग लगा रहे हैं. इसके अतिरिक्त चिलचिलाती धूप में ही घासनियों में भी कांटो को जलाया जा रहा है. जिसमें जरा सी लापरवाही बरतने पर या तेज हवा के कारण आग साथ लगते जंगलों अपनी चपेट में ले रही है. इसी को देखते हुए विभाग ने अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है.