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झमरौड़ा में जंगल में लगी आग, लापरवाही से पर्यावरण को हो रहा नुकसान

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Published : Feb 13, 2021, 10:26 PM IST

शनिवार रात झमरौड़ा के समीप जंगल में आग लग गई. देर शाम जंगल में लगी भयंकर आग की वजह से चील के पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है. तेज लपटों की वजह जंगल में उगे पौधों को भी काफी नुकसान पहुंचा है.

fire outbreak in karsog forest
झमरौड़ा में धूं-धूं कर जला जंग

करसोग: प्रदेश सरकार भले ही पर्यावरण को बचाने के लिए हर साल लाखों-करोड़ों रुपये पौधा रोपण पर खर्च कर रही हो, लेकिन खाली भूमि पर यही पौधे जब बड़े होते हैं तो लापरवाही की वजह से आग की भेंट चढ़ जाते हैं. ऐसी ही बड़ी लापरवाही का मामला उपमंडल करसोग में सामने आया.

झमरौड़ा के समीप जंगल में आग

शनिवार रात झमरौड़ा के समीप जंगल आग की भेंट चढ़ गया. देर शाम जंगल में लगी भयंकर आग की वजह से चील के पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है. तेज लपटों की वजह जंगल में उगे पौधों सहित वनस्पति भी राख में बदल गई.

बेजुबान जानवरों का छिना ठिकाना

यही नहीं, जंगल में रह रहे बेजुबान जानवरों का भी रहने का ठिकाना छिन गया. चील का हरा भरा जंगल काफी देर तक धूं-धूं कर जलता रहा. चीड़ के पेड़ों से निकाले जाने वाले बरोजे की वजह जंगल को में लगी आग और भी बेकाबू हो गई. इससे साथ लगते घरों को भी खतरा पैदा हो गया.

कई जंगल चढ़ गए आग की भेंट

करसोग में आए दिन जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं. हालत यह है कि अब सर्दियों के मौसम भी जंगलों में आग लग रही है. गर्मियों में स्थिति और भी भयंकर हो जाती है. यहां हर साल जंगलों की आग की वजह से काफी नुकसान हो रहा है. इसका एक बड़ा कारण मानवीय चूक होने के साथ वन विभाग की भी लापरवाही है.

लापरवाही से पर्यावरण को हो रहा नुकसान

जंगल दिन और रात आग में जल रहे होते हैं, लेकिन फील्ड कर्मचारियों को इसकी खबर तक भी लगती. ऐसे में यह लापरवाही पर्यावरण पर भारी पड़ रही है. रेंज ऑफिसर गोपाल चौहान का कहना है कि इस बारे में फील्ड अधिकारियों को आग पर काबू पाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं.

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