मंडी: जिले के गोहर थाने में नामी कारोबारी और रिलायंस एनर्जी लिमिटेड चेयरमैन अनिल अंबानी समेत छह कंपनियों के करीब पचास बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र रचने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हुए हैं.
सीआरपीसी की धारा 156(3) सेक्शन के तहत गोहर थाना में एफआईआर दर्ज हुई है प्रदेश के मंडी जिला के गोहर थाना में उपमंडलीय न्याययिक दंडाधिकारी गोहर वत्सला चौधरी के आदेशों पर दर्ज हुई एफआईआर में रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के आठ, पार्वती कौलडैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के सात, केईएसी इंटरनेशनल के दस, टाटा पावर के 11, ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड के चार और कलपत्रू लिमिटेड के दस बोर्ड आफ आफ डायरेक्टर नामजद हैं.
धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र रचने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हुए हैं. गोहर के स्यांज क्षेत्र के 24 प्रभावितों की याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने धोखाधड़ी, लोगों की जमीनों में जबरन घुसकर बिजली के टावर गाढ़ने और घरों-गौशालाओं के ऊपर जबरन बिना मंजूरी के बिजली तारें बिछाने और हरे भरे पेड़ों को बिना किसी आधिकारिक अससेस्मेंट के कटवाने के आरोपों के तहत संबंधित थाना में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
सब जज गोहर वत्सला चौधरी ने आदेश जारी करते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं यह है मामला
बता दें कि कुल्लू के सैंज से पंजाब के लुधियाणा तक करीब 303 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई गई. आरोप है कि जिला मंडी के गोहर सब डिवीजन के अंतर्गत बहुत से गांवों में ये लाइनें बिछी. जिसमें भारी अनियमितताएं बरती गई और अनिल अंबानी और अन्य सहयोगी कंपनियो ने प्रभावित किसानों को उनके मकानों, दुकानों, जमीनों और पशु शालाओं का मुआवजा नहीं दिया. डिप्टी कमिश्नर मंडी के पास कोई भी रिकार्ड कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं है.
कुल्लू के सैंज से पंजाब के लुधियाणा तक करीब 303 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई गई. शिकायतों पर वर्ष 2017 में मैजिस्ट्रेट इंक्वायरी करवाई गई, जिसकी रिपोर्ट तत्कालीन एसडीएम गोहर राघव शर्मा द्वारा 23 जुलाई 2017 को उपायुक्त मंडी के पास जमा करवाया गया. इस रिपोर्ट को उपायुक्त मंडी द्वारा हिमाचल सरकार को भेजा गया. जिस पर आज तक किसानों के संवैधानिक अधिकारों को लेकर कोई भी उचित हल नहीं निकाला गया है. स्यांज पंचायत के लगभग 24 प्रभावित परिवारों के किसानों ने अनियमितताओं की शिकायत 156.3 के तहत शिकायत दायर की थी. जिसमें 24 जून 2019 को सब जज गोहर वत्सला चौधरी ने आदेश जारी करते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.
हर सब डिवीजन के अंतर्गत बहुत से गांवों में ये लाइनें बिछी. जिसमें भारी अनियमितताएं बरती गई अदालत के आदेशों पर मुकदमेः एसपी
एसपी मंडी ने कहा कि छह कंपनियों के पचास बीओडी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 156(3) सेक्शन के तहत गोहर थाना में एफआईआर दर्ज हुई है. अदालत के आदेशों पर पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 120 बीए145, 182.351, 464.20, 366, 367, 368, 452, 283, 271, 341, 379, 392, 506, 147, 148 व एनवायरनमेंट व इंडियन फारेस्ट एक्ट 1986 की धारा 15, 41, 42 व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
सीआरपीसी की धारा 156(3) सेक्शन के तहत गोहर थाना में एफआईआर दर्ज हुई है
तीन मामले पहले भी हो चुके हैं दर्ज
इससे पहले भी वर्ष 2015 में जिला बिलासपुर के सदर थाना व बरमाना थाना में बिलासपुर न्यायालय के आदेश पर उक्त निजी कंपनियों के खिलाफ अनियमितताएं बरतने व लोगों को ठगने और धोखाधड़ी करने इत्यादि संबंध में तीन एफआई आर दर्ज की गई थी. जिसके खिलाफ निजी कंपनियों ने हिमाचल प्रदेश के हाइकोर्ट में जाकर याचिका दायर की. जिस पर लगभग 4 वर्षों तक मामला विचाराधीन रहने के बाद उच्च न्यायालय ने उक्त कंपनियों की याचिका को निरस्त कर दिया और मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को आदेश जारी किए थे.