करसोग: केंद्र सरकार भले ही किसानों की आय दोगुना करने का दावा करती हो, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही है. हिमाचल में जिला मंडी के अंतर्गत करसोग में खाद का संकट चल रहा है. रबी सीजन में किसानों ने मटर सहित गेहूं व अन्य की बिजाई कर खेत तैयार कर दिए हैं, लेकिन किसानों को सोसाइटियों के माध्यम से खाद ही उपलब्ध नहीं हो रही है. (Fertilizer crisis in Karsog)
हालत ये है कि करसोग में स्थित हिमफेड के गोदाम से एक माह पहले 12-32-16 खाद के 4 हजार बैग की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 600 बैग खाद ही भेजे गए हैं. ऐसे में 35 हजार किसान परिवारों के सामने अपनी फसल के अच्छी पैदावार न होने का संकट पैदा हो गया है.
करसोग में 26 सोसाइटियां-करसोग कृषि विकासखंड के तहत 26 सोसाइटियों के माध्यम से खाद उपलब्ध करवाई जाती है, लेकिन चिंता की बात ये है कि बार -बार चक्कर लगाने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है. ऐसे में किसान अब बिजाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, सेब के लिए भी बागवानों को 12-32-16 खाद की आवश्यकता है. सर्दियों के मौसम में अब सेब के बगीचों में तौलिए बनाने का कार्य शुरू होने वाला है. इस दौरान बागवानों को सेब के पौधों के लिए खाद की आवश्यकता रहती है. (Karsog Farmers Facing Problems)