हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

किसानों पर पड़ी मौसम की मार, सूखे से नहीं कर पा रहे गेहूं की बुवाई - lack of rain in mandi district

कोरोना का सकंट झेल रहे किसानों पर इस साल चौतरफा मार पड़ रही है. किसान बारिश की उम्मीद में बैठे हैं, लेकिन मौसम इन दिनों बिल्कुल साफ है और किसानों की चिंता भी बढ़ने लगी है. पारंपरिक फसलों में मक्की के बाद रबी सीजन में गेहूं प्रमुख फसल है.

गेहूं
गेहूं

By

Published : Oct 26, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 3:07 PM IST

करसोग/मंडी:कोरोना का सकंट झेल रहे किसानों पर इस साल चौतरफा मार पड़ रही है. पहले बरसात में सामान्य से कम हुई बारिश की वजह से खरीफ की फसल आधी सुख कर खेतों में ही बर्बाद हो गई, अब दो माह से पड़ रही सूखे की मार की वजह से किसान रबी सीजन में गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं.

करसोग में सितंबर और अक्टूबर के महीमे में बारिश नहीं हुई है. मानसून सीजन में भी क्षेत्र में बादल समान्य से कम बरसे थे. ऐसे में जमीन से नमी पूरी तरह से गायब हो गई है, जिस कारण क्षेत्र में अभी तक गेहूं की बुवाई नहीं हो पाई है और समय निकल रहा है.

किसान बारिश की उम्मीद में बैठे हैं, लेकिन मौसम इन दिनों बिल्कुल साफ है और किसानों की चिंता भी बढ़ने लगी है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक 15 अक्टूबर से पहली नवंबर तक समय गेहूं की बुवाई के लिए बिल्कुल सही बताया जा रहा है. इस अवधि में बुवाई होने से गेहूं की पैदावार भी बहुत अच्छी रहती है. यह बुवाई के लिए एकदम उपयुक्त समय है.

वीडियो.

उपमंडल में पारंपरिक फसलों में मक्की के बाद रबी सीजन में गेहूं प्रमुख फसल है. करसोग में करीब 650 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुवाई की जाती है. इसके लिए कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों में भी गेहूं का पर्याप्त बीज उपलब्ध है, लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं.

अभी तक नहीं हुई बारिश

पोस्ट मानसून सीजन के बाद प्रदेश में बारिश नहीं हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 अक्टूबर से शुरू हुए पोस्ट मानसून सीजन में अभी तक बारिश का आंकड़ा जीरो है, जबकि इस अवधि में प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा 25.6 फीसदी का रहता है.

मानसून सीजन के आंकड़े पर गौर करें तो 1 जून से 30 सितंबर तक प्रदेश में 567.2 मिलीमीटर बारिश हुई है. इस अवधि में सामान्य बारिश का आंकड़ा 763.5 मिलीमीटर बारिश का है. इस तरह से मानसून सीजन में भी बादल सामान्य से 26 फीसदी कम बरसे हैं.

जगतराम ने बताया कि किसान इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. बारिश न होने की वजह से किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. पिछली फसल भी बारिश न होने के कारण आधी बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि अब गेहूं की बुवाई का समय भी बीतता जा रहा है.

Last Updated : Nov 7, 2020, 3:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details