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केसर की आड़ में किसानों ठग रही बीज कंपनियां, ऐसे करें दोनों में अंतर

प्रदेश के किसानों को निजी कंपनियां असली केसर की आड़ में अमेरिकन केसर के नाम पर ठग रही हैं. कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर न किसानों को इसमे अंतर समझाकर सावधान रहने का आग्रह कर रहा है.

Agricultural Science Center Sundernagar's advice to understand real and fake saffron
किसानों को सलाह

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Published : May 30, 2020, 7:07 PM IST

सुंदरनगर:प्रदेश के किसानों को निजी कंपनियां असली केसर की आड़ में अमेरिकन केसर देकर ठग रही हैं. क्षेत्र के किसान इन निजी कंपनियों से बीज लेकर खेतों में केसर उगाने पर खुश तो हैं, लेकिन उन्हें नहीं मालूम की उन्हें ठगा जा रहा है. प्रदेश के निचले गर्म क्षेत्रों की जमीन पर केसर नहीं उगाया जा सकता.

केसर का उत्पादन 1500 से 2800 मीटर के ऊचांई वाले क्षेत्रों में ही हो सकता है. कृषि विभाग भी यही सलाह देकर सचेत कर रहा है कि केसर के नाम पर बीज बेचने वाले ठगों से सावधान रहा जाए. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि केसर के बीज नहीं ब्लकि कंद लगते हैं अर्थात बल्ब लगते हैं.

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कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रींसिपल और वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने बताया कि प्रदेश के निचले इलाकों में किसानों को केसर की खेती को लेकर गुमराह किया जा रहा. उन्होंने कहा कि मंडी जिला में किसान केसर के नाम पर सेफफ्लार की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि असली केसर ठंडे इलाके की एक फसल है, लेकिन कई इलाकों में किसानों को असली केसर के नाम पर बेचे जा रहे बीज असल में सेफफ्लार या अमेरिकन केसर है.

सेफफ्लार के फूल का प्रयोग वनस्पति तेल के लिए होता है. सेफफ्लार के फूल देखने में केसर की तरह ही लगते हैं. इस कारण कई ठग अमेरिकन केसर के नाम पर इसका बीज बेचकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. उन्होंने कहा कि केसर और सेफ फ्लार में कई अंतर हैं. केसर ठंडे स्थानों पर होने वाली फसल है, जबकि सेफफ्लार की खेती किसी भी स्थान पर आराम से हो सकती है. केसर की खेती करते समय बल्ब लगाने(बीजने) पड़ते हैं, जबकि सेफफ्लार की खेती में बीज लगाए जाते हैं.

केसर में तीन पराग

कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रींसिपल और वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने कहा कि केसर के एक फूल पर केवल तीन ही पराग आते हैं. वहीं, सेफफ्लार के फूल में कई पराग आते हैं. उन्होंने कहा कि केसर का पौधा जमीन से एक फुट मुश्किल से बढ़ता है, जबकि सेफफ्लार को पौधा चार से पांच फुट तक की बढ़ोतरी करता है. उन्होंने कहा कि सबसे खास बात केसर के पौधे में खुशबू जबरदस्त होती है, जबकि सेफफ्लार में ऐसा नहीं होता. पंकज सूद ने कहा कि सेफफ्लार की भी मार्किट वैल्यू है.

डॉ. पंकज सूद ने कहा कि किसान इसकी खेती भी कर सकते हैं, लेकिन इसे असली केसर के तौर पर प्रचारित करना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सेफफ्लार को ऑयल सीड क्रॉप के लिए किसान उपयोग में ला सकते हैं. उन्होंने कहा कि सेफफ्लार के भी औषधीय गुण हैं. असली केसर के लिए एक विकल्प के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है. सेफफ्लार भूख को बढ़ाता है. इसमें असली केसर की तरह रंग तो आ जाता है, लेकिन केसर वाले गुण नहीं होते

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