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किसानों का देसी जुगाड़, जंगली जानवरों से फसल बचाने के लिए खेतों में की बाड़बंदी

मंडी जिला के धर्मपुर में अरबी की फसल को बचाने के लिए किसानों ने देसी जुगाड़ कर बाड़बंदी की है. यहां के किसान जंगली सुअरों से परेशान हैं. वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान बाड़बंदी कराना चाहते हैं तो अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाता है.

save crop from wild animals
किसानों का देसी जुगाड़

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Published : Jun 7, 2020, 8:02 PM IST

धर्मपुर/मंडी:धर्मपुर विधानसभा में अरबी की फसल बहुत होती है, लेकिन किसानों की अरबी की फसल को जंगली सुअर चट कर जाते हैं. इसके लिए किसानों ने देसी जुगाड़ कर बाड़बंदी करना शुरू कर दिया है. जिससे वह अपनी अरबी की फसल को बचा सके.

बता दें कि हर साल इस क्षेत्र में अरबी का लाखों का कारोबार होता है. किसान अरबी की फसल पर ज्यादा ध्यान देकर आमदनी भी बढ़ा रहे हैं लेकिन इलाके में जंगली सुअरों से किसान परेशान हैं. रात के समय जंगली सुअर सब कुछ तहस नहस कर किसानों की मेहनत पर पानी फेर देते हैं. इसी से बचने के लिए किसानों ने खेतों में बाड़बंदी तकनीक अपनाई है. जिसमें वह घर से पुराने कपड़ों को लाकर खेतों में लगा रहे हैं. अरबी के खेत को चारों तरफ से चमकीली लड़ियों और सुतली से बांध देते हैं, ताकि रात को जब सुअर उनके खेत पर आये तो उसे लगे कि खेत में कोई व्यक्ति खड़ा है.

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किसानों ने बताया कि क्षेत्र में जंगली सुअरों की संख्या में बहुत बढ़ोतरी हो गई है जिससे उनकी परेशानी और अधिक बढ़ गई है. अब इस जुगाड़ से वह अपने अरबी के खेतों को बचाने में कुछ हद तक कामयाब हो रहे हैं. उन्होंने सरकार से भी अपील कि उनके खेतों में बाड़बंदी का प्रबंध किया जाये, ताकि उनके अरबी के खेत सुअरों के आंतक से बचाया जा सके.

इस बारे में कृषि विभाग के कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि सरकार ने किसानों के खेतों के संरक्षण के लिए बाड़बंदी योजना चलाई गई है. जिसमें किसान मिलकर अपने खेतों की बाड़बंदी करवा सकते हैं. अगर कोई किसान अकेले में बाड़बंदी करवाना चाहता है, तो वह अकेले भी करवा सकता है. इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के कार्यलय में आकर जमीन की नकल लाकर जानकारी देनी होगी. सरकार की ओर से अनुदान देकर बाड़बंदी की जाती है.

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