करसोग: मंडी जिले के करसोग में सात महीने पहले जनता को समर्पित की गई 11.55 करोड़ की परलोग खड्ड से माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना सवालों के घेरे में आ गई है. यहां 18 दिनों बाद माहुंनाग से बैहली जल भंडारण टैंक के बीच टूटी 3 इंच पेयजल लाइन की रिपेयर का कार्य तो पूरा हो गया है, लेकिन जल शक्ति विभाग की ओर से अब बिजली की कम वोल्टेज का तर्क देकर पानी की सप्लाई नहीं छोड़ी जा रही है.
बता दें कि करोड़ों की लागत से तैयार हुई इस पेयजल योजना का उद्घाटन 14 मई को पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने पांच दिवसीय माहुंनाग मेले के शुभारंभ के मौके पर किया था. ऐसे में मेले के दौरान तो लोगों को पानी की नियमित सप्लाई दी गई, लेकिन उसके बाद से ही परलोग खड्ड से माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना ठप पड़ी है. पहले तो विभाग ने बरसात के मौसम में खड्ड में आई गाद का हवाला देकर योजना को बंद रखा और अब दो महीनों से बिजली की कम वोल्टेज का तर्क देकर पानी की लिफ्टिंग न होने की बात कही जा रही है. (Drinking water scheme in Mandi district)
सवाल ये है कि करोड़ों की योजना तैयार करते वक्त क्या बिजली की वोल्टेज को लेकर ध्यान नहीं रखा गया होगा. अगर लगातार बिजली के कम वोल्टेज की समस्या बनी हुई है तो जनहित को देखते हुए अब तक क्यों नहीं बिजली बोर्ड को नोटिस जारी किया गया. ऐसे में अब जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड की लापरवाही से पेयजल योजना पर जनता के खून पसीने की कमाई से खर्च हुए पैसे बर्बादी हो रही है,जो एक जांच का विषय है. वहीं, लोगों ने प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से मिलकर इस मामले का उठाए जाने की भी बात कही है.
8 पंचायतों की 91 बस्तियां के लिए बनी है योजना: लोगों को नियमित तौर पर पीने के पानी की सुविधा मिले, इसके लिए परलोग खड्ड से माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना को 17 मई 2014 को प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी, वर्ष 2014 की जनसंख्या के आधार पर ये योजना 8 पंचायतों के तहत 54 गांव में पड़ने वाली 91 बस्तियों के 5,889 लोगों के लिए तैयार की थी, इस योजना के अंतर्गत 2.95 लाख और 76 हजार क्षमता के 2 मुख्य जल भंडारण टैंक बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त बस्तियों में पानी की आपूर्ति करने को 9 उप भंडारण टैंकों का भी निर्माण किया गया, जिसका लोगों को अभी तक कोई लाभ नहीं हुआ है. (Parlog Mahunag lift drinking water scheme)