धर्मपुर/मंडी:हिमाचल किसान सभा धर्मपुर कमेटी ने दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है. किसान सभा ने हरियाणा व केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में प्रदर्शन न करने देने के लिए सरकार की ओर से अपनाए जा रहे तरीकों की कड़ी निंदा की है. किसान सभा धर्मपुर के अध्यक्ष रणताज राणा ने कहा कि मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन हरियाणा सरकार और मोदी सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है.
किसानों पर अत्याचार कर रही सरकार
रणताज राणा ने कहा कि हरियाणा और मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है और उनके आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का किसानों के साथ यह बर्ताव उनका तानाशाही रवैया दर्शाता हैं. उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में किसानों को अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करने से रोकना और उन पर लाठीचार्ज अंग्रेजों के शासन की याद दिलाता है.
अंग्रेजों के शासन की याद दिला रही सरकार
किसान सभा धर्मपुर के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की तरह अंग्रेजी सरकार भी अपने कानूनों को जनता पर बलपूर्वत थोपती थी. ऐसे ही मोदी सरकार अपने लाए कृषि कानूनों को, जो कानून किसान विरोधी है. इससे किसानों की फसलों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए विदेशी व देशी कंपनियों और बड़ी पूंजीपतियों के हवाले किया जाएगा. इसके साथ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म कर दिया है.
किसान व मजदूरों पर पड़ेगी महंगाई की मार
इसके साथ ही नए कृषि कानूनों में आवश्यक वस्तु अधिनियम के कानून को खत्म करके जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा. इससे बाजार में खाद्य पदार्थों अनाज, चीनी, प्याज आदि की बनावटी कमी पैदा करेगा और तमाम खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे, जिससे महंगाई भी बढ़ेगी और गरीब किसान व मजदूरों पर महंगाई की मार पड़ेगी.
कृषि पर होगा देशी-विदेशी कंपनियों का कब्जा
कृषि कानूनों के बदलाव से बड़े पूंजीपतियों और देशी-विदेशी कंपनियों का कृषि पर कब्जा हो जाएगा और किसानों की हालत दयनीय हो जाएगी. किसानों के इस आंदोलन को बुरे तरीके से कुचलने के लिए धर्मपुर किसान सभा कमेटी मोदी सरकार की कड़ी निंदा करती है और किसानों के आंदोलन का समर्थन करती है. धर्मपुर किसान सभा इन किसान विरोधी अध्यादेशों को वापिस लेने की मांग करती है.