सुंदरनगर: हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना युवाओं को अपना रोजगार लगाने को प्रेरित करने में बड़ी कामयाब साबित हो रही है. ऐसे अनेक युवा हैं जिन्होंने इस योजना से बल पाकर नौकरी के बजाय स्वरोजगार को तरजीह दी है और अपना कामधंधा शुरू कर दूसरों के लिए नजीर बने हैं. ऐसे ही एक नौजवान हैं उपमंडल सुंदरनगर के गांव भांगला के रहने वाले देवेंद्र कुमार. जो इस पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए रोल मॉडल बने हैं.
स्वरोजगार लगाकर वे खुद तो आर्थिक रूप से मजबूत हुए ही, दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. 30 साल के देवेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 45 लाख रुपए की मदद लेकर जड़ोल में आनंद इंडस्ट्री नाम से कैरी बैग बनाने का कारोबार शुरू किया. साल 2019 में शुरू इस व्यवसाय में वे रोजाना करीब ढाई क्विंटल उत्पाद तैयार करते हैं. उन्होंने यहां 4 लोगों को सीधे तौर पर और आसपास के 3 गांवों की अनेक महिलाओं को अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाया है.
जम्मू-कश्मीर तक होती है कैरी बैग्स की सप्लाई
देवेंद्र कुमार का कहना है कि साल 2018 के आखिर में उन्होंने किसी अखबार में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में पढ़ा और अपने पिता को इस बारे में बताया. दोनों पिता-पुत्र मंडी में उद्योग विभाग के कार्यालय पहुंचे और योजना की विस्तार से जानकारी लेकर आवेदन कर दिया. उन्हें उद्यम लगाने के लिए 35 लाख रुपये का ऋण मिला, जिस पर उन्हें 25 प्रतिशत सरकारी अनुदान प्राप्त हुआ. साथ ही 3 साल के लिए 5 प्रतिशत ऋण अनुदान भी मिला. वहीं, उन्हें कच्चा माल खरीदने के लिए 10 लाख का लोन भी मिला.
साल 2019 में शुरू काम ने धीरे धीरे रफ्तार पकड़ी और फिर चल निकला. आज वे समूचे हिमाचल प्रदेश के साथ साथ जम्मू-कश्मीर तक कैरी बैग्स की सप्लाई देते हैं. अपनी मेहनत और सरकार से मिली मदद से वे आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बने हैं. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का दिल से आभार जताया है.