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नर्सिंग छात्राओं ने इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट करने की उठाई मांग, CM को भेजा ज्ञापन - मंडी न्यूज

जिला मंडी की नर्सिंग छात्राओं ने प्रदेश सरकार से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने की मांग उठाई है. छात्राओं की दलील है कि प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बीए, बीएससी, बीकॉम, बीटेक के अंतिम वर्ष को छोड़कर सभी विद्यार्थियों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया है. इसी तरह नर्सिंग छात्राओं को भी प्रमोट किया जाए और उनकी परीक्षाओं को भी रद्द की जाए .

Demand of nursing students
उपायुक्त मंडी को ज्ञापन सौंपती छात्राएं.

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Published : Oct 30, 2020, 6:36 PM IST

मंडी: जिला मंडी में एसएफआई के बैनर तले नर्सिंग की छात्राओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान जिला के निजी संस्थानों से नर्सिंग कर रही छात्राओं ने संस्थानों पर लॉकडाउन के समय पूरी फीस वसूलने के भी आरोप लगाए.

छात्राओं का कहना है कि प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बीए, बीएससी, बीकॉम,व बीटेक के अंतिम वर्ष को छोड़कर सभी विद्यार्थियों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया है. इसी तरह नर्सिंग छात्राओं को भी प्रमोट किया जाए और उनकी परीक्षाएं रद्द की जाए.

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नर्सिंग की छात्रा अंशिका ने कहा कि प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की नर्सिंग कर रही छात्राओं की परीक्षा ना ली जाए, क्योंकि नर्सिंग छात्राओं का शैक्षणिक सत्र अक्टूबर में शुरू हुआ था और उसके बाद उन्हें जनवरी-फरवरी में एक महीने का शीतकालीन अवकाश दिया गया था, जिस वजह से वो चार महीने ही कक्षाओं में उपस्थित हो पाए हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनकी पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है और वो सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि इस वर्ष नर्सिंग छात्राओं को प्रमोट किया जाए.

वहीं, एसएफआई के पूर्व राज्य सचिव सुरेश सरवाल ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय के अधीन छात्रों को भी प्रमोट किया गया है, लेकिन पोस्ट बेसिक प्रथम वर्ष और बीएससी नर्सिंग प्रथम द्वितीय को प्रमोट नहीं किया गया. जब पढ़ाई ही नहीं हुई तो परीक्षाएं भी नहीं होनी चाहिए. विद्यार्थियों की किताबें हॉस्टल में ही हैं, जिस वजह से परीक्षा देना मुश्किल हो गया है. दूसरी तरफ नर्सिंग कॉलेज मैनेजमेंट छात्राओं को फीस देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. पिछले सात महीने से कॉलेज व हॉस्टल बंद हैं. इसके बावजूद फीस मांगी जा रही है.

एसएफआई सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार व प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानती तो आने वाले समय में पूरे प्रदेश से नर्सिंग छात्राओं को एकत्रित कर उग्र आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.

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