करसोगःकोरोना संकट के इस क्रूर वक्त ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है. वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है. खासकर करसोग में इंग्लिश सब्जियों की पैदावार करने वाले किसानों को कोरोना ने गहरे जख्म दिए हैं. देश के बड़े-बड़े होटलों में इंग्लिश सब्जियों की डिमांड कम होने से 150 रुपये तक बिकने वाली सब्जी अब 5 से 15 रुपये किलो बिक रही है. ऐसे में हजारों किसानों को इंग्लिश सब्जियों पर आई लागत निकालनी भी मुश्किल हो गई है.
इंग्लिश सब्जियों की डिमांड हुई कम
उपमंडल करसोग में कई क्षेत्रों में इंग्लिश सब्जियों की सप्लाई सीधे दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना आदि शहरों में स्थित बड़े-बड़े होटलों में होती थी. जहां इन इंग्लिश सब्जियों को अमीरों की थाली में परोसा जाता था, जिससे बड़े होटलों में इंग्लिश सब्जियों की अच्छी खासी डिमांड रहती थी, ये इंग्लिश सब्जियां घरद्वार पर ही 200 रुपये प्रति किलो तक भी बिकती थी, लेकिन अब इन सब्जियों की डिमांड कम हो गई है.
नुकसान की वजह बनी इंग्लिश सब्जियां