करसोग/मंडी: कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर करसोग के न्यारा वार्ड के पार्षद बंसीलाल ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में सहायता की.
लॉकडाउन की वजह से करसोग में फंसे 25 नेपाली मजदूरों को पार्षद ने एक संस्था की मदद से घर भेजा है. इससे पहले भी पार्षद बंसीलाल कोरोना वॉरियर की तरह काम करते हुए अब तक प्रशासन से अनुमति लेकर कई लोगों को घर पहुंचा चुके हैं.
अब फिर से पार्षद बंसीलाल ने एक संस्था की मदद से 85 हजार रुपये का किराया जुटाकर एक प्राइवेट बस में नेपाली मजदूरों को नेपाल बॉर्डर के साथ लगती सीमा पर यूपी के रोपड़िया तक छोड़ने में मदद की है. यही नहीं सफर के दौरान मजदूरों के खाने पीने की भी व्यवस्था की है ताकि रास्ते मे मजदूर भूखे न रहें. रोपड़िया तक पहुंचाने में मजदूरों पर कुल 1.10 लाख का खर्च आएगा. जिसके लिए बाकी के 25 हजार रुपये का प्रबंध मजदूरों ने खुद ही किया है.
ये नेपाली मजदूर पिछले सात सालों से रोजी रोटी की तलाश में करसोग आ जा रहे हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से मजदूर काम नहीं कर पा रहे थे. हालांकि इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने भी मजदूरों के लिए खाने और पीने की पूरी व्यवस्था की थी.
अमर बहादुर का कहना है कि बंसीलाल ने हमें घर भेजने में सहायता की है. इसके लिए उन्होंने पार्षद का आभार प्रकट किया है. मजदूरों ने घर जाने की अनुमति देने के लिए एसडीएम करसोग सुरेन्द्र ठाकुर का भी आभार प्रकट किया है.
पार्षद बंसीलाल का कहना है कि प्रवासी मजदूर लॉकडाउन की वजह से करसोग में फंसे थे. ये लोग परिवार से मिलने घर जाना चाहते थे. ऐसे में मजदूरों की परेशानी को देखते हुए संस्था की सहायत से 85 हजार जुटाकर इन्हें घर भेजा गया. बंसीलाल कोरोना की इस मुश्किल घड़ी में लोगों से भी मजदूरों की सहायता करने की अपील की है.
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